2000 बैच के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी मनीष कुमार वर्मा को सरकार में एक बड़ी जिम्मेदारी मिली है. सेवानिवृत्त होने के बाद सरकार ने उन्हें बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का सदस्य बनाया था और अब उन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का अतिरिक्त परामर्शी यानी एडिशनल एडवाइजर नियुक्त किया गया है. मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग ने इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी है.

मनीष वर्मा मुख्यमंत्री के चहेते अधिकारी रहे हैं और अवकाश प्राप्त करने के बाद मुख्यमंत्री ने उन्हें अपना अतिरिक्त परामर्शी नियुक्त किया है. सीएम के अतिरिक्त सलाहकार की नियुक्ति के बाद इनके वेतन-भत्ता-सुविधा एवं सेवा शर्त का निर्धारण वित्त विभाग के परामर्श से मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग करेगा. मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अधीन ही उनकी नियुक्ति की गई है.

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मनीष वर्मा मुख्यमंत्री के चहेते अधिकारी रहे हैं और अवकाश प्राप्त करने के बाद मुख्यमंत्री ने उन्हें अपना अतिरिक्त परामर्शी नियुक्त किया है. सीएम के अतिरिक्त सलाहकार की नियुक्ति के बाद इनके वेतन-भत्ता-सुविधा एवं सेवा शर्त का निर्धारण वित्त विभाग के परामर्श से मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग करेगा. मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अधीन ही उनकी नियुक्ति की गई है.

मनीष वर्मा मुख्यमंत्री के चहेते अधिकारी रहे हैं और अवकाश प्राप्त करने के बाद मुख्यमंत्री ने उन्हें अपना अतिरिक्त परामर्शी नियुक्त किया है. सीएम के अतिरिक्त सलाहकार की नियुक्ति के बाद इनके वेतन-भत्ता-सुविधा एवं सेवा शर्त का निर्धारण वित्त विभाग के परामर्श से मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग करेगा. मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अधीन ही उनकी नियुक्ति की गई है.

आपको बता दें कि मनीष वर्मा पटना के जिलाधिकारी भी रह चुके हैं. मनीष वर्मा उस समय चर्चा में आए थे, जब वह पटना के जिलाधिकारी थे. उन्हीं के कार्यकाल में 3 अक्टूबर 2014 को पटना के गांधी मैदान में रावण दहन के बाद भगदड़ मची थी. इस भगदड़ में 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे और 33 लोग की मृत्यु हुई थी. दूसरी बार मनीष वर्मा उस समय चर्चा में आए थे, जब 2014 लोकसभा चुनाव हो रहा था, मनीष वर्मा पूर्णिया में डीएम थे.

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