सभी सरकारी विभागों को इस माह यानी दिसंबर के अंत तक 50 फीसदी राशि खर्च करनी होगी। विभागों को राज्य सरकार ने यह टास्क दिया है। दरअसल, पिछले दिनों मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने विभागों के खर्चों को लेकर विस्तृत समीक्षा की थी।
इस दौरान यह बात सामने आई थी कई विभागों के खर्च की रफ्तार बेहद धीमी है। इसके बाद मुख्य सचिव ने सभी विभागों को अपनी राशि खर्च की रफ्तार बढ़ाने और दिसंबर के अंत तक हर हाल में आधी राशि खर्च करने का निर्देश दिया। बीते माह खर्च की गयी राशि के मामले में यह बात सामने आई कि कुछ विभागों में खर्च की राशि 20 फीसदी से भी कम थी। खासकर केन्द्रीय योजनाओं को लेकर खर्च की गयी राशि की स्थिति और खराब थी।
पिछले माह तक इस मद में कुछ विभागों द्वारा खर्च की गयी राशि पांच फीसदी से भी कम थी। ऐसे समेकित रूप से नवंबर तक विभागों ने 20 से 35 फीसदी राशि खर्च की थी। इस समय कुछ विभाग 40 फीसदी की सीमा पार कर चुके हैं। दरअसल, सभी विभागों में खर्च की रफ्तार पहले तो धीमी रहती है, लेकिन नए साल के शुरू होने के बाद इसकी रफ्तार अचानक बढ़ जाती है। मार्च में तो राशि खर्च करने की रफ्तार काफी तेज हो जाती है। इससे कई तरह की गड़बड़ी की आशंका है। मार्च में विभाग का ध्यान योजनाओं के कार्यान्वयन से अधिक योजना राशि खर्च करने में रहता है। इससे संबंधित योजनाओं की गुणवत्ता प्रभावित होने का खतरा बना रहता है।