हाल ही में भारत द्वारा पाकिस्तान में चलाए गए सफल सैन्य अभियान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि भारतीय सेना न केवल अपनी सरहदों की रक्षा करने में सक्षम है, बल्कि आतंक के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने में भी पूरी तरह सक्षम है। इस अभियान पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने इसे देश के लिए एक गौरव का क्षण बताया। उन्होंने न केवल सेना के साहस की सराहना की, बल्कि इसे भारतीय जनता की इच्छाशक्ति और आत्मबल का परिचायक भी बताया।
जीतन राम मांझी ने अपने संबोधन में कहा, “हम मुसहर लोग हैं, हमें पता है कि चूहों को बिल से कैसे निकाला जाता है और कैसे मारा जाता है।” उनका यह बयान प्रतीकात्मक था, जिसमें उन्होंने आतंकियों की तुलना चूहों से की और कहा कि जैसे चूहे छिपकर नुकसान पहुंचाते हैं, वैसे ही आतंकवादी अपने अड्डों में छिपे रहते हैं। परंतु जब भारत की सेना ने उनकी तलाश कर उन्हें उनके अड्डों में जाकर मारा, तो यह पूरी दुनिया के लिए एक सख्त संदेश बन गया।
मंत्री मांझी ने कहा कि भारतीय सेना ने जिस बहादुरी से ऑपरेशन को अंजाम दिया, उससे पाकिस्तान में बैठे आतंक के आकाओं की कमर टूट गई है। उन्होंने कहा कि आतंक के खिलाफ यह लड़ाई सिर्फ सेना की नहीं, बल्कि पूरे देश की है और हम सबको अपनी सेना पर गर्व है। उन्होंने यह भी कहा कि हमारी सेना ने न केवल पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों को तबाह किया, बल्कि यह भी साबित कर दिया कि भारत अब सहन नहीं करेगा, बल्कि जवाब देगा — वो भी दुगुना।
मांझी ने अपनी बातों में यह भी जोड़ा, “हमने पहले ही कह दिया था कि पाकिस्तानी चूहों के साथ क्या किया जाएगा, और आज हमने वही किया है। उनके हुक्मरानों को अंदाजा नहीं था कि भारत की प्रतिक्रिया इतनी तीव्र और सटीक होगी।”
ऑपरेशन सिंदूर एक रणनीतिक और सैन्य दृष्टिकोण से बड़ा कदम था, जिसने न केवल आतंकवादियों को करारा जवाब दिया, बल्कि यह भी बताया कि भारत अब कूटनीति और सैन्य शक्ति दोनों में संतुलन बनाकर चल रहा है। यह ऑपरेशन आतंकवाद को पनाह देने वाले देशों के लिए एक चेतावनी है कि अगर उन्होंने भारत की शांति भंग करने की कोशिश की, तो उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
इस पूरे घटनाक्रम में भारतीय सेना की बहादुरी, रणनीति और त्वरित कार्रवाई ने देशवासियों का मनोबल बढ़ाया है। हर भारतीय को इस बात पर गर्व है कि हमारी सेना किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है। जीतन राम मांझी जैसे नेताओं की स्पष्ट और मजबूत बातों ने यह भी दिखाया कि देश की राजनीतिक इच्छाशक्ति भी अब पूरी तरह से दृढ़ है।
ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि एक संदेश है — भारत अब चुप नहीं बैठेगा।