उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने हाल ही में भारत द्वारा पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर किए गए जवाबी हमले को “पहलगाम में हुई बर्बरता का करारा जवाब” करार दिया है। उनका कहना है कि जिस प्रकार निर्दोष नागरिकों की उनके परिजनों के सामने नृशंस हत्या की गई, वह न केवल मानवता के खिलाफ अपराध है बल्कि देश की संप्रभुता को चुनौती देने वाला कृत्य भी है। ऐसे हमलों का जवाब देना भारत की मजबूरी नहीं, बल्कि सुरक्षा के प्रति उसकी प्रतिबद्धता का प्रतीक है।

उन्होंने यह भी कहा कि यह जवाबी कार्रवाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृढ़ इच्छाशक्ति और देश की सैन्य ताकत का परिचायक है। भारत ने यह सिद्ध कर दिया है कि वह न केवल अपनी सीमाओं की रक्षा करना जानता है, बल्कि आतंकवादियों को उनकी भाषा में जवाब देना भी आता है। विजय कुमार सिन्हा ने इस कार्रवाई को “पराक्रम का परिचय” बताते हुए कहा कि आज भारत अपनी सैन्य शक्ति, रणनीतिक सूझ-बूझ और वैश्विक कूटनीति के बल पर दुनिया के शक्तिशाली देशों की सूची में शामिल हो रहा है।

सिन्हा ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत का उद्देश्य कभी युद्ध करना नहीं रहा है। भारत की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक परंपराएं हमेशा से शांति और सह-अस्तित्व की समर्थक रही हैं। लेकिन जब निर्दोष लोगों पर हमला किया जाता है, और आतंकवादियों को पड़ोसी देश से संरक्षण मिलता है, तब भारत को अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए कठोर कदम उठाने पड़ते हैं।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की नीति स्पष्ट है—आतंकवाद और उसे समर्थन देने वालों के खिलाफ कोई नरमी नहीं बरती जाएगी। यह कार्रवाई सिर्फ एक जवाब नहीं, बल्कि यह एक संदेश है कि अब भारत चुप नहीं बैठेगा। जो भी देश भारत की एकता, अखंडता और शांति को नुकसान पहुँचाने का प्रयास करेगा, उसे कड़ा जवाब मिलेगा।

विजय कुमार सिन्हा ने जनता से भी अपील की कि वे एकजुट रहें और देश की सुरक्षा नीतियों का समर्थन करें। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में जनता, सेना और सरकार को मिलकर काम करना होगा। आज जब भारत अपने वैश्विक कद को मज़बूती से स्थापित कर रहा है, तब यह जरूरी है कि आंतरिक एकता और देशभक्ति को सर्वोपरि रखा जाए।

अंत में उन्होंने विश्वास जताया कि भारत न केवल आतंकवाद का सफाया करेगा, बल्कि शांति और स्थायित्व की ओर एक नई राह भी प्रशस्त करेगा।

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