विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के संस्थापक और पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने हाल ही में अपने एक बयान में भारत की शांतिप्रिय छवि और आतंकवाद के विरुद्ध उसकी कठोर नीति को स्पष्ट रूप से उजागर किया। उन्होंने कहा कि भारत संपूर्ण विश्व को शांति और अहिंसा का संदेश देने वाला देश है। हमारी संस्कृति, परंपरा और जीवन दृष्टि सदैव से सहिष्णुता और समरसता पर आधारित रही है। लेकिन इसका यह अर्थ बिल्कुल नहीं है कि हम अपनी संप्रभुता पर कोई आंच सहन कर सकते हैं।
मुकेश सहनी ने कहा कि भारत ने कभी भी आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं किया है। हमारे देश ने जब-जब आतंकी ताकतों या दुश्मन राष्ट्रों से चुनौती पाई है, तब-तब हमने उसका मुंहतोड़ जवाब दिया है। चाहे वह कारगिल युद्ध हो, सर्जिकल स्ट्राइक या बालाकोट एयर स्ट्राइक—भारतीय सेना ने हर बार अपने शौर्य और पराक्रम से यह साबित किया है कि भारत केवल एक शांति प्रिय देश ही नहीं, बल्कि आवश्यकता पड़ने पर वीरता और साहस की पराकाष्ठा भी है।
उन्होंने यह भी कहा कि हमारी सेना देश की सुरक्षा की अंतिम दीवार है, जिस पर हमें गर्व है। सैनिक दिन-रात सीमाओं की रक्षा में तैनात रहते हैं और विषम से विषम परिस्थितियों में भी अपने कर्तव्य का निर्वाह करते हैं। उनके इसी बलिदान और समर्पण के कारण आज हम चैन और सुरक्षा के साथ अपना जीवन जी पा रहे हैं।
भारत की विदेश नीति भी संतुलित रही है। हमने हमेशा पड़ोसी देशों से मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए रखने की कोशिश की है, लेकिन जब हमारी संप्रभुता या सुरक्षा को किसी ने चुनौती दी है, तो हमने कभी पीछे नहीं हटे। भारतीय कूटनीति और सैन्य रणनीति में संतुलन और दृढ़ता दोनों ही शामिल हैं। यह विशेषता ही भारत को वैश्विक पटल पर एक सम्मानित और शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में स्थापित करती है।
मुकेश सहनी ने अंत में कहा कि आज पूरा देश अपनी सेना के पराक्रम पर गर्व करता है और हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि सेना के जवानों को हर वह सुविधा और सम्मान मिले, जिसके वे पात्र हैं। देश की सुरक्षा में लगे जवानों के प्रति हमारी जिम्मेदारी सिर्फ भावनात्मक समर्थन तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि उनके परिवारों की देखभाल, शहीदों के परिजनों को उचित सम्मान और युवाओं को सेना में शामिल होने के लिए प्रेरित करना भी हमारी जिम्मेदारी है।
इस प्रकार भारत की नीति स्पष्ट है—शांति का संदेश देना हमारी परंपरा है, लेकिन आतंक और चुनौती का मुंहतोड़ जवाब देना हमारा धर्म है।