बाबा बर्फानी का ऐसा शिष्‍य जो बिच्छू बनकर कांवर यात्रा पर निकल पड़े हैं। वह सुल्‍तानगंज से देवघर जा रहे हैं। वे बिच्छू डंक दंड से इतिहास बनाएंगे। 38वें दिन तक 17 KM की दूरी तय की है। इन्‍हें कुल 105 Km की यात्रा करनी है।

(भागलपुर)। विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला के अंतिम द‍िन सावन पूर्णिमा के द‍िन 12 अगस्त 2022 को शुक्रवार सुबह 7:07 बजे सुल्तानगंज स्थित बाबा अजगवीनाथ मंदिर गंगाघाट से एक बिच्‍छू डंक बम ने कांवर यात्रा प्रारंभ करने के लिए गंगा जल उठाया। वे बर्फानी बाबा महंत सत्यगिरी के शिष्य हैं। उत्तर प्रदेश के बलिया जिला अंतर्गत नाथनगर रसड़ा निवासी अशोक गिरी उर्फ मन्नू सोनी ने बताया कि उन्‍हें यह कांवर यात्रा विश्‍व के कल्‍याण के लिए उठाया है। वे शिव भक्‍त हैं। भगवान शिव की आराधना में ही उनका जीवन व्‍यतीत हो रहा है। 

अशोक गिरी बिच्छू डंक दंडी बम बन कांवरिया पथ के रास्ते दोनों हाथों के बल पर चलकर 38 वें दिन 17 किलोमीटर दूर धांधी बेलारी के तेघरा फाल पहुंचे। वे 108 दिनों में बाबा नगरी पहुंचकर जलाभिषेक करेंगे। प्रतिदिन सवा से डेढ़ किलोमीटर की दूरी तय करते हैं। सुबह से लेकर शाम तक में चार बार दंड देते हैं।

बिच्छू बम मन्नू सोनी ने कहा कि इससे अपने पहले गुरुजी (बर्फानी बाबा) के साथ बद्रीनाथ, जगन्नाथपुरी व रामेश्वरम तीन धाम तक पांव-पैदल गए हैं। वर्ष 1991 से लेकर 1999 तक प्रत्येक सावन पैदल कांवर लेकर बाबाधाम गए। वर्ष 2000 में सावन में एक बार डाकबम गए। वर्ष 2001 में प्रत्येक सोमवारी डाकजल लेकर बाबाधाम गए। वर्ष 2002 में शुक्र और सोम दोनों दिन पूरा सावन डाकबम गए। 2003 से लगातार 2019 तक प्रत्येक पूर्णिमा को डाकबम बन बाबाधाम गए।

वर्ष 2020 में अयोध्या में राम मंदिर बनने की खुशी में और राम को चाहने वाले सभी संत महात्मा के शांति हेतु 108 फीट भारत माता के ध्‍वज में धागा लपेटकर बलिया लखनेश्वरनाथ से पैदल अमरनाथ जा रहे थे। लेकिन कश्मीर में जवाहर लाल टंडन पार करने पर, सैनिकों ने आगे जाने से रोक दिया। वर्ष 2022 में दोबारा गए और 17 जून को अमरनाथ पहुंचे।

सुल्तानगंज से तीसरी सोमवारी को सलामी जल लेकर बाबा बैद्यनाथ और बाबा बासुकीनाथ गए। सावन के अंतिम सोमवारी को पांव-पैदल डाक जल चढ़ाए। इसके बाद सर्व शांति विश्व कल्याण हेतु बाबा के कानों के कुंडल बिच्छू डंक दंड कांवर यात्रा सावन पूर्णिमा के दिन शुरू कर, बाबा बैद्यनाथ को अर्पित करने के लिए दोनों हाथों पर दंड देते बाबाधाम जा रहे हैं।

मुंबई बसई ईस्ट टुंगारेश्वर महादेव जूना आखाड़ा से नाता रखने वाले वर्तमान में पिअरिया बलिया उत्तर प्रदेश से आकर, 27-एक 28 का सुमेरणी माला बाबा बैद्यनाथ को समर्पित करने का लक्ष्य लेकर, जल उठाए बर्फानी नागा बाबा महंत सत्यगिरी 12 नवंबर 2016 को सुल्तानगंज अजगवीनाथ से 28 दंड का एक दंड बनाकर सात सालों में दंड देते हुए बाबा नगरी देवघर पहुंचेंगे। दंड स्वरूप माला को जगत कल्याण के लिए बाबा के दरबार पहुंच अर्पित करने का संकल्प लिए बाबाधाम जा रहे हैं। बर्फानी बाबा अभी इनारावरण के आगे पहुंचे हैं। इससे पूर्व 12 ज्योतिर्लिंग और चार धाम की पैदल यात्रा 19 हजार किलोमीटर 22 महीने में पैदल पूरा कर चुके हैं। इधर उनके शिष्य मन्नू भी कांवरिया मार्ग में दोनों हाथों पर चलकर बिच्छू डंक दंड देते बाबाधाम की ओर बढ़े चले जा रहे हैं।

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