भागलपुर, 10 मई 2025 – न्यायिक प्रक्रिया को अधिक सरल, सुलभ और त्वरित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, नेशनल लोक अदालत का आयोजन 10 मई 2025 को भागलपुर, नौगछिया और कहलगांव सिविल कोर्ट परिसरों में किया जा रहा है। यह लोक अदालत सुबह 10:30 बजे से शुरू होगी और दिन भर चलेगी, जिसमें विभिन्न प्रकार के पूर्व मुकदमेबाजी और न्यायालय में लंबित मामलों का निपटारा किया जाएगा।

डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी (DLSA) द्वारा जारी आदेश के अनुसार, इस लोक अदालत में ऐसे मामलों का समाधान किया जाएगा जो आपसी समझौते के आधार पर सुलझाए जा सकते हैं। इसके लिए सिविल कोर्ट परिसर में अलग-अलग विषयों के लिए विशेष बेंचों का गठन किया गया है, ताकि न्यायिक प्रक्रिया को बेहतर और अधिक प्रभावी तरीके से संपन्न किया जा सके।

भागलपुर सदर कोर्ट परिसर में इस अवसर के लिए कुल तीन विशेष बेंचों का गठन किया गया है। प्रत्येक बेंच को अलग-अलग प्रकार के मामलों की सुनवाई और समाधान का दायित्व सौंपा गया है:

**बेंच-1:** इस बेंच में मोटर वाहन दावा अधिकरण (MACT) और वैवाहिक विवादों से जुड़े मामलों की सुनवाई की जाएगी। इसमें दुर्घटना मुआवजा, पति-पत्नी के बीच विवाद, तलाक, भरण-पोषण और अन्य पारिवारिक मामलों का निपटारा आपसी सहमति के आधार पर किया जाएगा। इन संवेदनशील मामलों में अदालत का प्रयास होगा कि पक्षकारों के बीच आपसी समझ और संतुलन स्थापित कर विवाद का सौहार्दपूर्ण समाधान हो सके।

**बेंच-2:** इस बेंच में बैंकिंग और वित्तीय मामलों की सुनवाई की व्यवस्था की गई है। इसमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बीएसएनएल, श्रिराम फाइनेंस जैसी वित्तीय संस्थाओं से संबंधित लंबित मामलों का समाधान किया जाएगा। बैंक लोन वसूली, ईएमआई विवाद, सर्विस कनेक्शन मुद्दों और अन्य वित्तीय मामलों का समाधान लोक अदालत के माध्यम से पारस्परिक सहमति से होगा।

**बेंच-3:** यह बेंच यूको बैंक की विभिन्न शाखाओं से संबंधित मामलों के समाधान के लिए निर्धारित की गई है। इसमें ऋण वसूली, ओवरड्राफ्ट विवाद, एनपीए और अन्य वित्तीय मामलों को प्राथमिकता दी जाएगी। लोक अदालत का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि छोटे-छोटे वित्तीय मामलों को लंबी न्यायिक प्रक्रिया में उलझने से रोका जा सके और दोनों पक्षों के बीच संतोषजनक समाधान निकल सके।

इस आयोजन के लिए सभी न्यायिक अधिकारियों, अधिवक्ताओं और स्टाफ को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करें और सभी कार्यवाहियों की अंतिम रिपोर्ट शाम 4 बजे तक डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी को सौंपें। कार्यवाही को समय पर और व्यवस्थित तरीके से पूरा करने के लिए प्रशासनिक स्तर पर विशेष तैयारी की गई है।

लोक अदालत का मूल उद्देश्य है आम जनता को सुलभ, सस्ती और शीघ्र न्याय प्रदान करना। यह अदालतें पारंपरिक न्याय व्यवस्था का एक वैकल्पिक साधन हैं, जिनमें आपसी समझौते के माध्यम से दोनों पक्षों को न्याय दिलाया जाता है। इससे ना सिर्फ समय की बचत होती है बल्कि आर्थिक रूप से भी दोनों पक्षों को राहत मिलती है।

न्यायालयों पर बढ़ते बोझ को देखते हुए लोक अदालतें न्यायिक प्रणाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। यह पहल न्यायिक तंत्र पर दबाव को कम करने के साथ-साथ आम जनता में न्याय के प्रति विश्वास को भी मजबूत करती है।

भागलपुर में आयोजित हो रही यह लोक अदालत न केवल विवादों का त्वरित समाधान प्रदान करेगी, बल्कि इससे जनता में यह संदेश भी जाएगा कि न्याय केवल कोर्टरूम की दीवारों के भीतर ही नहीं, बल्कि पारस्परिक संवाद और सहमति से भी प्राप्त किया जा सकता है।

डिस्ट्रिक्ट जज और डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी के सचिव ने आम लोगों से अपील की है कि वे अपने लंबित मामलों के निपटारे के लिए इस लोक अदालत में भाग लें और न्याय प्राप्त करने की इस सरल प्रक्रिया का लाभ उठाएं।

**निष्कर्ष:**
नेशनल लोक अदालत एक प्रभावशाली माध्यम है जो जनता को न्यायालय से जुड़े मामलों के शीघ्र समाधान की दिशा में प्रेरित करता है। भागलपुर में हो रहा यह आयोजन न केवल न्यायिक सुधार का संकेत है, बल्कि सामाजिक न्याय की दिशा में भी एक सार्थक पहल है। यह न केवल मामलों के निपटान में सहायक होगा, बल्कि लोगों के जीवन को सुगम बनाने में भी सहायक सिद्ध होगा।

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