पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी की मुश्किलें बढ़ सकती है। बुधवार को मुंबई में मझगांव मजिस्ट्रेट कोर्ट ने ममता बनर्जी को 1 दिसंबर 2021 को शहर की अपनी एक यात्रा के दौरान राष्ट्रगान का कथित रूप से अपमान करने के लिए उनके खिलाफ दायर एक मामले में 2 मार्च को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी के एक पदाधिकारी, अधिवक्ता विवेकानंद गुप्ता ने उनके खिलाफ राष्ट्रीय सम्मान के अपमान की रोकथाम अधिनियम 1971 की धारा 3 के तहत शिकायत दर्ज की थी। गुप्ता ने बनर्जी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की थी। शिकायत में कहा गया है कि पिछले साल लेखक कवि जावेद अख्तर द्वारा बुलाए गए एक कार्यक्रम में ममता बनर्जी राष्ट्रगान शुरू होने पर बैठी थीं। बाद में वह उठीं, दो छंद गाए और अचानक गाना बंद कर दिया गया।
गुप्ता ने कहा कि बनर्जी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। गुप्ता की अदालत में शिकायत में कहा गया है कि बनर्जी ने राष्ट्रगान के प्रति पूर्ण अनादर दिखाया था और वह अचानक से गान को रोकने के बाद कार्यक्रम स्थल से चली गईं। अदालत में गुप्ता ने तर्क दिया है कि हालांकि, आरोपी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री हैं और उन्होंने अपने आधिकारिक कर्तव्यों का निर्वहन नहीं किया है।
मजिस्ट्रेट पीआई मोकाशी ने प्रॉसेस को जारी करते हुए कहा, “प्रथम दृष्टया, यह शिकायत, शिकायतकर्ता के सत्यापन बयान, डीवीडी में वीडियो क्लिप और यूट्यूब लिंक पर वीडियो क्लिप से स्पष्ट है कि आरोपी ने राष्ट्रगान गाया था लेकिन बीच में रुक गया था और अचानक स्थान से चल दिया, जो प्रथम दृष्टया साबित करता है कि आरोपी ने राष्ट्रीय सम्मान के अपमान की रोकथाम अधिनियम, 1971 की धारा 3 के तहत दंडनीय अपराध किया है।’