बिहार के पूर्णिया जिले में परिवार परामर्श केंद्र में एक ऐसे विवाद का निपटारा किया गया, जो खाना बनाने को लेकर था. परिवार परामर्श केंद्र में दोनों से कहा गया कि वे मिलकर खाना बनाएंगे. पति-पत्नी अब दाल नहीं छौंकेंगे. इस दौरान एक सहमति पत्र भी तैयार किया गया.’साहब, दिव्यांग महिला हूं. अपने घर में अच्छा खाना बनाती हूं, लेकिन फिर भी पति को पसंद नहीं आता. इस बात को लेकर वह मारपीट करता है. खाना छोड़कर भीख मांगने जाने को कहता रहता है…’. एक महिला जब अपनी यह फरियाद लेकर पूर्णिया के पुलिस परिवार परामर्श केंद्र पहुंची तो केंद्र ने शिकायत को गंभीरता से लेकर मामले को सुना. इस मामले की सुनवाई में महिला का पति भी पहुंचा.
दोनों ने एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए. दोनों की बातें सुनने के बाद केंद्र ने यह निर्णय सुनाया कि दोनों पति-पत्नी अब साथ मिलकर खाना बनाएंगे. इस दौरान दाल नहीं छौंकेंगे. पुलिस परामर्श केंद्र के सदस्य ने कहा कि दोनों अब एक दूसरे के साथ किसी भी प्रकार से लड़ाई-झगड़ा नही करेंगे.
इसको लेकर महिला से जब सवाल किया कि बिना छौंके दाल खानी है तो पूरी बात उसे भी समझाई गई. दोनों को आपस में मिल जुलकर रहने की नसीहत दी गई. इस पूरे निर्णय पर एक सहमति पत्र भी तैयार किया गया. इसके बाद दोनों में सहमति हो गई. दोनों पति-पत्नी नगर थाना क्षेत्र से शिकायत लेकर पहुंचे थे.
पुलिस परिवार परामर्श केंद्र में कुल 32 मामलों की सुनवाई की गई. इसमें 14 मामलों का निष्पादन कर दिया गया. 9 मामलों में पति-पत्नी को समझाकर उनका घर टूटने से बचा लिया गया. वहीं पांच मामलों में पति-पत्नी के जिद पर अड़े रहने के कारण उन्हें थाने अथवा न्यायालय जाने की सलाह दी गई.
इस दौरान महिला थाना अध्यक्ष केंद्र की संयोजिका किरण वाला, सदस्य दिलीप कुमार दीपक, स्वाति वैश्यंत्री और कार्यालय सहायक नारायण गुप्ता मौजूद रहे.