आज हम आपको एक ऐसी महिला से रूबरू करवाने जा रहे हैं, जिन्होंने अपने कैरियर की शुरूआत टीचिंग के प्रोफेशन से की थी। मगर आज उनका नाम देश की दूसरी सबसे कम उम्र की धनवान के तौर पर लिया जा रहा है। इस महिला के काम और नाम की बदौलत फोब्र्स मैगजीन ने भी उनका आर्टिकल प्रमुखता से छापा है। इस महिला ने टीचर रहते हुए आज इतनी दौलत कमा ली है कि वह दुनिया भर में छा गई हैं। आज हर जगह उनके नाम और काम की चर्चा हो रही है। तो आईए आपको इस साहसी महिला की प्रेरणादायक स्टोरी से अवगत करवाते हैं। इस महिला का नाम है दिव्या गोकुलनाथ। यह आज किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं, बल्कि देश की लाखों महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गई हैं!
मां-बाप की इकलौती संतान है दिव्या
दिव्या गोकुलनाथ ने की उम्र महज 34 साल है, मगर उनकी सपंत्ति की बात करें तो वह अरबों रुपए में है। दरअसल बेंगलूरू की रहने वाली दिव्या के पिता एक प्राईवेट अस्पताल में डाक्टर हैं, जबकि उनकी मां दूरदर्शन में जॉब करती हैं। वह अपने मां-बाप की इकलौती संतान हैं, इसलिए उनके पिता चाहते थे कि दिव्या खूब पढक़र लिखकर किसी अच्छे पद पर पहुंचे। उन्होंने सार्इंस साईड से अपनी पढ़ाई की और आरवी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से बॉयोटेक्नोलॉजी में बीटेक की डिग्री हासिल की।
इस तरह हुआ रविंद्रन से प्यार
बीटेक करने के बाद दिव्या ने आगे की पढ़ाई के लिए विदेश जाने की तैयारी शुरू कर दी। इस दौरान ही उनकी मुलाकात बायजू रविंद्रन से हुई। जिनसे दिव्या ने टयूशन पढऩा शुरू किया। इस दौरान उन दोनों के बीच ठीक फिल्मों की तरह से ही नजदीकियां बढऩे लगी और रविंद्रन ने उन्हें टीचिंग लाईन में आने के लिए प्रेरित किया। इसके बाद दिव्या ने टीचर बनने का फैसला किया और विदेश जाने की बजाए बेंगलूरू में ही रहकर टीचर के प्रोफेशन को ज्वाइंन कर लिया।
गणित से ना डरें बच्चे
हालांकि उस समय उनकी उम्र महज 22 साल थी और स्टुडेंटस की हम उम्र ही लगती थी। इसलिए वह खुद को अपनी उम्र से बड़ा दिखा सके, इसके लिए उन्होंने साड़ी पहनकर टीचिंग क्लास लेना शुरू किया, ताकि वह अपने स्टूडेंटस से बड़ी लगने लगे। इस तरह से उन्होंने बच्चों को गणित पढ़ाना शुरू कर दिया। दिव्या की एक खास बात यह थी कि वह बच्चों के माता पिता और अध्यापकों को केवल एक ही बात कहती थी कि गणित के प्रति बच्चों में पैदाईशी डर नहीं होता। बल्कि बच्चों को जीवन के रोजमर्रा के कामों की तरह से ही गणित से जोड़ा जाना चाहिए। ताकि वह इस विषय को कठिन समझने की बजाए उसे आसान तरीके से समझ सकें।
साल 2011 में शुरू किया बायजू
दिव्या और बायजू रविंद्रन के बीच आई नजदीकियां जल्द ही विवाह में बदल गईं और दोनों ने शादी कर ली। इसके बाद रविंद्रन और दिव्या ने एक ऑनलाईन टीचिंग प्लेटफार्म की शुरूआत की, जिसका नाम रखा गया बायजू और फिर दोनों ने साल 2011 में शुरू किए गए अपने इस काम को अंजाम तक पहुंचाने के लिए दिन रात मेहनत की। देखते ही देखते उनका ऑनलाईन प्लेटफार्म तरक्की करने लगा और दस सालों के भीतर ही दुनिया के बड़े ऑनलाईन टीचिंग प्लेटफार्म में शामिल हो गया है।
दिव्या इस कंपनी की को-फाऊंडर हैं और उनके पति रविंद्रन फाऊंडर हैं। बता दें कि बिजनेस मैगजीन फोब्र्स ने अपने हालिया अंक में दिव्या गोकुलनाथ को भारत की दूसरी सबसे कम उम्र की धनवान महिला का खिताब दिया है। महज 10 सालों के भीतर ही दिव्या ने यह ताज अपने सिर पर पहना है। बायजू कंपनी के फाऊंडर रविंद्रन की पत्नी और इस ऑनलाईन प्लेटफार्म की को-फाऊंडर दिव्या की उम्र मात्र 34 साल है, मगर इस छोटी सी उम्र में ही उन्होंने अपनी मेहनत और जज्बे से यह खिताब हासिल करने में सफलता प्राप्त की है।
इतनी है दिव्या की सपंत्ति
फोब्र्स मैगजीन के अनुसार दिव्या गोकुलनाथ की संपत्ति 3.05 अरब डॉलर है, जोकि भारतीय करेंसी के हिसाब से 22.3 करोड़ रुपए बनती है। दिव्या और रविंद्रन दिन रात अपनी इस कंपनी के विस्तार की कोशिशों में लगे रहते हैं। दिव्या का कहना है कि महिलाओं के लिए कोई भी काम मुश्किल नहीं है। यदि धैर्य, मेहनत और ईमानदारी से कोई भी काम किया जाए तो उसे सफल बनाया जा सकता है। उनका यह भी मानना है कि सफलता एक दिन में नहीं मिलती मगर एक दिन जरूर मिलती है।