जब तक इस दुनिया में मुट्ठी भर अच्छे लोग भी मौजूद रहेंगे, ये दुनिया चलती रहेगी, हंसती रहेगी। अमेरिका की एक शख्स ने जो किया है, वो मिसाल से कम नहीं है। सोशल मीडिया के जमाने में देखते ही देखते लोगों की किस्मत पूरी तरह से बदल जाती है और अमेरिका के रहने वाले एक शख्स के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ है। 20 साल के फ्रैंकलिन ने सपने में भी नहीं सोचा था कि सोशल मीडिया की वजह से उसकी पूरी जिंदगी बदल जाएगी।

27 किलोमीटर हर दिन का सफर

अमेरिका के ओकलोहामा के रहने वाले फ्रैंकलिन हर दिन 27 किलोमीटर का सफर पैदल तय करके काम करने जाते थे। महज 20 साल के फ्रैंकलिन के लिए ये कतई आसान नहीं था, लेकिन गरीबी ने उन्हें ऐसा करने पर मजबूर कर रखा था। फ्रैंकलिन बफेले वाइल्ड विंग्स में एक कुक के तौर पर काम करते हैं, लेकिन घर से बफेले वाइल्ड विंग्स तक पहुंचना फ्रैंकलिन के लिए आसान नहीं होता। एक तरफ की दूरी 13 किलोमीटर थी, लिहाजा घर से दफ्तर और दफ्तर से घर तक पहुंचने के लिए हर दिन फ्रैंकलिन को करीब 27 किलोमीटर का सफल तय करना पड़ता था।

तीन घंटे पहले निकलते थे घर से

फ्रैंकलिन हर दिन अपने घर से 3 घंटे पहले निकलते थे। अमेरिकी न्यूज चैनल फॉक्स न्यूज से बात करते हुए फ्रैंकलिन ने कहा कि ‘मुझे फर्क नहीं पड़ता कि मैं थक रहा हूं या नहीं। मुझे हर हाल में अपने आप को आगे बढ़ाना था, क्योंकि मैं अपने घरवालों की नजर में गिरना नहीं चाहता था। और आजतक मैंने एक बार फिर अपनी शिफ्ट मिश नहीं की है।’ फॉक्स न्यूज से बात करते हुए फ्रैंकलिन ने कहा कि उन्हें हर दिन इतना लंबा सफर तय करने के लिए उनकी मां से प्रेरणा मिलती है। फ्रेंकलिन ने कहा कि जब वो सिर्फ 16 साल के थे, तो उनकी मां गुजर गईं और उनके गुजरने के बाद उनके लिए चीजें काफी मुश्किल हो गईं थीं, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपने काम को जारी रखा।

माइकल लिन ने सड़क पर देखा

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पिछले हफ्ते फ्रैंकलिन को रास्ते पर चलते हुए माइकल लिन नाम के एक शख्स ने देखा और फ्रैंकलिन को तपती धूप में रास्ते पर चलते देखकर माइकल ने उन्हें अपनी गाड़ी में लिफ्ट दे दी और फिर गाड़ी के अंदर दोनों की बातचीत शुरू हो गई। जब माइकल ने सुना कि वो हर दिन 27 किलोमीटर का सफर पैदल इस तपती घूप में तय करते हैं, तो फिर उन्होंने फ्रैंकलिन की मदद करने की ठानी। माइकल ने फ्रैंकलिन की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्टकर उसके लिए मदद मांगी। जिसके बाद केरी कॉलिन्स नाम की महिला ने उनकी पोस्ट को देखा और चैरिटी चलाने वाले अपने पति को फ्रैंकलिन के बारे में बताया। और फिर सबने मिलकर फ्रैंकलिन की मदद करने की ठानी।

Raj Institute

केरी ने अपने चैरिटी ग्रप के अलावा सोशल मीडिया के जरिए फ्रैंकलिन के लिए मदद मांगी और देखते ही देखते उनके पास पैसों का भरमार लग गया। पहले तो चैरिटी ग्रुप ने एक साइकिल खरीदकर फ्रैंकलिन को गिफ्ट की और फिर फ्रैंकलिन की मदद के लिए एक ‘गो फंड मी’ नाम का एक ग्रुप बनाया। जिसपर दान देने वालों की भरमार लग गई और 35 लाख रुपये इकट्ठा हो गए। फ्रैंकलिन कुक के साथ साथ वेल्डिंग की पढ़ाई कर रहा है और अब इन पैसों की मदद से अपनी पढ़ाई को आगे बढ़ाने की बात कर रहा है। जिस तरह से फ्रैंकलिन की लोगों ने मदद की है, वो काबिल-ए-तारीफ है।

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