बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर अपनी अजीबो-गरीब हरकतों को लेकर सुर्खियों में हैं। सोमवार, 26 मई 2025 को पटना स्थित ललित नारायण मिश्र आर्थिक विकास एवं सामाजिक परिवर्तन संस्थान (एलएन मिश्रा इंस्टिट्यूट) में एक नियुक्ति पत्र वितरण समारोह के दौरान उन्होंने ऐसा कुछ कर दिया, जिससे उपस्थित लोग हक्के-बक्के रह गए।
कार्यक्रम के दौरान जैसे ही मुख्यमंत्री मंच पर पहुंचे, उनका स्वागत शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ ने एक गमला भेंट कर किया। मुख्यमंत्री ने उस गमले को हाथ में लेने के बजाय, अचानक उसे एस. सिद्धार्थ के माथे पर रख दिया। यह दृश्य देखकर वहां मौजूद कई लोग ठहाका लगाकर हंसने लगे, जबकि कुछ लोग इस हरकत से हैरान रह गए। इसके बाद खुद एस. सिद्धार्थ ने वह गमला दोनों हाथों से संभालते हुए नीचे रखा और सामान्य स्थिति में लौटे।
यह वाकया कैमरे में कैद हो गया और सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। लोग एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के व्यवहार पर सवाल उठाने लगे हैं। गौरतलब है कि यह कोई पहला मौका नहीं है जब उन्होंने सार्वजनिक मंच पर कुछ असामान्य किया हो।
इसी समारोह में मुख्यमंत्री ने 20 सहायक अध्यापकों को नियुक्ति पत्र भी सौंपे। इसके अलावा उन्होंने संस्थान में विकास कार्यों की भी नींव रखी। इनमें 2.87 करोड़ की लागत से बनने वाला एनेक्सी भवन, 4.90 करोड़ रुपए की लागत से वार्डन ब्लॉक और 5.3 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाला स्टार्टअप ब्लॉक शामिल है। इन परियोजनाओं से संस्थान के बुनियादी ढांचे को मजबूती मिलने की उम्मीद है।
इस कार्यक्रम में बिहार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार भी मौजूद थे, लेकिन मुख्यमंत्री की अजीब हरकत overshadow कर गई बाकी सारी उपलब्धियों को। कार्यक्रम में आए छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों ने भी इस पर हैरानी जताई।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले भी इस तरह की हरकतों से चर्चा में रह चुके हैं। महज दो महीने पहले 20 मार्च 2025 को पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में सेपक टाकरा वर्ल्ड कप के उद्घाटन के दौरान वह राष्ट्रगान के वक्त हंसते और हाथ जोड़ते दिखे थे, जिस पर सोशल मीडिया पर उनकी तीखी आलोचना हुई थी।
30 जनवरी 2025 को महात्मा गांधी की 77वीं पुण्यतिथि के मौके पर आयोजित शांति सभा में उन्होंने ताली बजाकर लोगों को चौंका दिया था। आमतौर पर यह दिन मौन और शांति के साथ मनाया जाता है, ऐसे में मुख्यमंत्री का यह व्यवहार अनुचित बताया गया।
इसके अलावा भी मुख्यमंत्री कई बार अनोखी हरकतों के चलते सुर्खियों में रहे हैं — कभी किसी मंत्री के माथे से अपना माथा सटाना, तो कभी सार्वजनिक मंच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पैर छू लेना। बिहार विधानसभा में प्रजनन को लेकर दिया गया उनका बयान भी राष्ट्रीय स्तर पर मज़ाक का विषय बन गया था।
नीतीश कुमार का ऐसा व्यवहार उनकी गंभीर राजनीतिक छवि के विपरीत माना जाता है और यह जनता व विपक्ष दोनों के लिए आलोचना का विषय बनता जा रहा है। सवाल यह है कि क्या यह केवल सहजता का प्रदर्शन है या फिर ध्यान खींचने की रणनीति?
जो भी हो, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर अपने कार्यों से ज्यादा अपनी हरकतों की वजह से खबरों में हैं।
