बेरोज़गारी से त्रस्त देश को आज एक बार फिर पेपर लीक की खबर मिली है। इस बार 67वीं बिहार लोकसेवा आयोग BPSC का प्रश्न पत्र परीक्षा से पहले ही लीक हो गया। खबर आयी कि कुल 150 प्रश्नों में सब के सब लीक हो गए हैं और परीक्षार्थियों के सपनों पर पानी फेर दिया गया।



वर्षों तक परीक्षा की तैयारी करने वाले मेहनती युवाओं के साथ ये एक भद्दा मजाक है। बेरोज़गारी की मार झेल रहे युवाओं के भविष्य से एक और खिलवाड़ है।



BPSC आयोग ने तीन सदस्यीय कमिटी बनाकर 24 घंटे में रिपोर्ट देने को कहा है। लेकिन ये कौन सा तर्क है कि जिनपर आरोप है वही अपनी जाँच भी करने लगा? जाँच के नाम पर इस तरह के नाटक से किसी भी अभ्यर्थी में तंत्र के प्रति विश्वास बहाल नहीं हो सकता।



सच तो ये है कि इतने बड़े पैमाने पर पेपर लीक करवाने की हिमाकत कोई तभी कर सकता है जब उसे राजनीतिक शह प्राप्त है। हमारी मांग है कि CBI जाँच करवाकर अपराधियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए और जवाबदेही शीर्ष पर तय हो। अगर बिहार सरकार ऐसा नहीं करती तो ये स्पष्ट हो जाएगा कि सुशासन बाबू की सरकार ने ही पेपर लीक करवाया है।

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