छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर बड़ा आरोप लगाया है. सीएम बघेल ने कहा कि बीजेपी-आरएसएस भगवान राम और बजरंग बली की छवि को बदलने की कोशिश कर रहे हैं. भगवान राम को ‘रैंबो राम’ तो भगवान हनुमान को ‘आक्रामक’ दिखाने का प्रयास हो रहा है.
मर्यादा और शांति के प्रतीक हैं भगवान राम
गुजरात के अहमदाबाद में अपने संबोधन में सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि भगवान राम मर्यादा और शांति के प्रतीक हैं. पिछले कुछ साल से उन्हें एक योद्धा के रूप में दिखाने की कोशिश की जा रही है. भगवान राम और हनुमान की छवि को आक्रामक छवि में बदलना समाज के लिए ठीक नहीं है.
क्रोधित रूप में दिखाए जा रहे बजरंग बली
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि हम हमेशा रामराज्य के बारे में सोचते हैं. इसी तरह भक्ति, ज्ञान और शक्ति के प्रतीक भगवान हनुमान को क्रोधित रूप में चित्रित किया जा रहा है. यह समाज के लिए बुरा है.
भगवान राम की छवि को बदलने की कोशिश
सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि अभी हम भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम राम कहते हैं. भद्र पुरुष कहते हैं. इससे पहले मंदिरों में या जहां भी भगवान राम की मूर्तियां बनी हैं, उनमें उनका बहुत ही सौम्य रूप दिखाया गया है. उसके स्मरण करने से ही मन में शीतलता का आभास होता है. उसी तरह भगवान हनुमान भक्ति, ज्ञान और शक्ति के प्रतीक हैं. अभी पिछले कुछ साल से देख रहे हैं कि भगवान राम की छवि को रैंबो राम का रूप देने की कोशिश की जा रही है.
उन्होंने आगे कहा कि भगवान राम को पूरी रामायण में सिर्फ एक बार क्रोध आया, जब समुद्र ने उनको रास्ता नहीं दिया था. लेकिन, अब समाज के सामने जो तस्वीर पेश की जा रही है वो युद्धक राम की है. इसी साल से मैं देख रहा हूं कि झंडे में या गाड़ियों पर जो स्टीकर लगे हैं, उसमें उनका विकराल रूप दिखाई दे रहा है. हनुमान जी तो ऐसे नहीं थे. हमारे समाज से जो आदर्श पुरुष हैं या ईश्वर के अवतार हैं, उन्हें इस रूप में दिखाना मैं उचित नहीं समझता हूं.