बिहार के सहरसा जिले के पतरघट थाना क्षेत्र में स्थित बिषहरा स्थान मंदिर में अज्ञात चोरों ने लाखों रुपये मूल्य के चांदी के मुकुट और सोने के आभूषणों की चोरी कर ली। यह घटना बीते रात की बताई जा रही है, जब चोरों ने मंदिर में प्रवेश कर माता की मूर्ति पर लगाए गए आभूषणों को चुरा लिया। इस चोरी की सूचना के बाद मंदिर में लोगों की भीड़ लग गई और पुलिस को सूचित किया गया, जिन्होंने मामले की जांच शुरू कर दी है।
घटना की जानकारी
यह घटना पतरघट थाना क्षेत्र के कपसिया वार्ड नंबर 12 स्थित बिषहरा स्थान मंदिर में घटी। मंदिर में स्थापित माता की मूर्ति के सिर पर चांदी का मुकुट और नाक में सोने की नथ लगी हुई थी, जिसे चोरों ने चुरा लिया। घटना के बाद, सुबह जब मंदिर के पुजारी ने मूर्ति की पूजा करने के लिए वहां पहुंचकर देखा, तो वह हैरान रह गए। माता की मूर्ति पर चढ़ाए गए आभूषण गायब थे।
यह देखकर पुजारी ने तुरंत स्थानीय लोगों को सूचित किया, और फिर घटना की सूचना पुलिस को दी गई। सूचना मिलते ही पतरघट थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की छानबीन शुरू कर दी। पुलिस ने मंदिर परिसर का निरीक्षण किया और आसपास के इलाके की जाँच की। मंदिर में चोरी की घटना के बाद स्थानीय लोग सकते में हैं, और इस घटना को लेकर पूरे इलाके में गुस्सा और चिंता का माहौल बना हुआ है।
चोरी की वारदात का तरीका
अज्ञात चोरों ने मंदिर के अंदर से चांदी का मुकुट और सोने की नथिया चुराई। चोरों ने बड़ी सफाई से इन आभूषणों को हटाया, जिससे यह आभूषण चोरी होने के बाद काफी समय तक किसी को भी शक नहीं हुआ। मंदिर के अंदर प्रवेश करने के लिए चोरों ने किसी तरह का कोई रैश तरीका अपनाया, ऐसा लगता नहीं है। इस घटना से यह सवाल उठ रहा है कि क्या मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था कमजोर थी या फिर यह चोरी एक अंदरूनी साजिश का हिस्सा हो सकती है।
पुलिस का कहना है कि चोरों ने मंदिर के आभूषण चुराने के लिए योजना बनाकर यह काम किया है। पुलिस घटना के सभी पहलुओं की जांच कर रही है और जल्द ही चोरों को पकड़ने के लिए टीम को सक्रिय किया गया है।
मंदिर की सुरक्षा पर सवाल
इस चोरी की घटना ने मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सहरसा जिले के इस क्षेत्र में मंदिरों का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है, और यहां पूजा पाठ के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। ऐसे में मंदिर की सुरक्षा को और कड़ी बनाए जाने की आवश्यकता है। कई श्रद्धालु और स्थानीय लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर मंदिर में इस प्रकार की सुरक्षा चूक कैसे हो गई।
मंदिरों में कीमती आभूषणों की सुरक्षा के लिए अक्सर CCTV कैमरे और सुरक्षा गार्डों की तैनाती की जाती है, लेकिन यह घटना उस सुरक्षा व्यवस्था की विफलता को उजागर करती है। इससे स्थानीय प्रशासन और मंदिर प्रबंधन को सुरक्षा उपायों की फिर से समीक्षा करने की जरूरत है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
पुलिस की कार्रवाई
पतरघट थाना प्रभारी रौशन कुमार ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि अज्ञात चोरों ने मंदिर के अंदर स्थापित मूर्ति के सिर पर से चांदी का मुकुट और सोने का नथिया चुरा लिया है। पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए छानबीन तेज कर दी है और चोरों की पहचान के लिए आसपास के क्षेत्र में लगे CCTV फुटेज को भी खंगाला जा रहा है। रौशन कुमार ने यह भी कहा कि पुलिस ने आरोपी की पहचान करने के लिए सभी संभावित रास्तों पर जाँच शुरू कर दी है और जल्द ही चोरों को पकड़ लिया जाएगा।
पुलिस ने आस-पास के क्षेत्रों में भी गश्त बढ़ा दी है, और मंदिर के आसपास के लोगों से पूछताछ की जा रही है। इसके अलावा, पुलिस ने उन दुकानदारों और व्यापारियों से भी संपर्क किया है जो मंदिर के पास स्थित हैं और जिनके पास मंदिर से जुड़े कोई सुराग हो सकते हैं।
श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों का गुस्सा
इस घटना के बाद मंदिर के पास के लोग काफी परेशान हैं। मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी संख्या होती है, और यहां आने वाले लोग न केवल पूजा अर्चना करते हैं बल्कि मंदिर की शांति और धार्मिक वातावरण में भी विश्वास रखते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस घटना ने उनके विश्वास को हिला दिया है। वे चाहते हैं कि पुलिस इस मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई करे ताकि चोरों को पकड़ा जा सके और मंदिर की आस्थाओं को फिर से बहाल किया जा सके।
इसके अलावा, कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि धर्मस्थलों की सुरक्षा को लेकर और कड़ी निगरानी की आवश्यकता है। उन्हें उम्मीद है कि मंदिर प्रशासन और स्थानीय पुलिस सुरक्षा उपायों को फिर से मजबूत करेंगे ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हो सकें।
निष्कर्ष
सहरसा के बिषहरा स्थान मंदिर में हुई इस चोरी ने न केवल स्थानीय लोगों को परेशान किया है, बल्कि यह धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के लिए गंभीर सवाल भी खड़े कर दिए हैं। पुलिस को जल्द से जल्द चोरों का पता लगाने के लिए और सक्रियता बढ़ानी होगी ताकि मंदिर की आस्थाओं को फिर से बहाल किया जा सके और इस तरह की घटनाओं को भविष्य में रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जा सकें।