सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम)के बजाय मतपत्र से चुनाव कराने की मांग खारिज कर दी। शीर्ष अदालत ने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता कि जब आप चुनाव जीतते हैं तो ईवीएम से छेड़छाड़ नहीं की जाती है, लेकिन जब आप चुनाव हारते हैं तो छेड़छाड़ की जाती है।
जस्टिस विक्रमनाथ और पी.बी. वराले की पीठ ने यह टिप्पणी तब की जब याचिकाकर्ता डॉ. के.ए. पॉल ने कहा कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और पूर्व मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी जैसे नेताओं ने भी कहा कि ईवीएम से छेड़छाड़ की जा सकती है। पीठ ने यह टिप्पणी करते हुए ईवीएम के बजाय मतपत्र से चुनाव कराने की मांग वाली डॉ. पॉल की जनहित याचिका खारिज कर दी।