बिहार पर्यटन निगम की ओर से पर्यटक ग्राम बनाए जा रहे हैं। 20 स्विस कॉटेज का निर्माण चल रहा है। पर्यटन निगम के जीएम अभिजीत कुमार ने बताया कि टेंडर हो चुका है। इसका काम जारी है। यहां आवासीय सुविधा रहेगी।
रेस्तरां भी रहेगा। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रहेंगे। सांस्कृतिक कार्यकम भी होंगे। उन्होंने बताया कि पिछली बार विदेशी पर्यटक कम आए थे। इस बार ज्यादा विदेशी पर्यटक आएंगे। कॉटेज की बुकिंग जल्द शुरू होगी।
एशिया का सबसे बड़ा सोनपुर पशु मेला 25 नवंबर से शुरू हो रहा है। इस बार मेला 32 दिनों तक चलेगा।
26 दिसंबर को मेला समाप्त होगा। 27 नवंबर को पहला शाही गज स्नान होगा।
हरिहर क्षेत्र में सामान्य तौर पर करीब तीन वर्ग किमी क्षेत्र में मेला फैला रहता है।
इसमें सात एकड़ मेला क्षेत्र रहता है, जिसकी बोली लगती है और दुकानें आवंटित होती हैं।
पिछली बार से शुरू एडवेंचर स्पोर्ट्स को इस बार बड़े पैमाने पर करने की तैयारी चल रही है। इसके लिए एजेंसी का चयन किया जा रहा है।
पर्यटन निदेशक विनय कुमार राय ने बताया कि तीन एकड़ क्षेत्र में घोड़ा बाजार, बैल हट्टा, चिड़िया बाजार, बकरी बाजार, हस्तकरघा के सामान आदि की दुकानें सजेंगी।
घोड़े की चाल, कुश्ती प्रतियोगिता, नौका दौड़ आदि का आयोजन भी होगा। उन्होंने बताया कि सारण और वैशाली जिला प्रशासन से समन्वय बनाकर सुरक्षा और ट्रैफिक के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं।
विदेशी पर्यटकों के लिए सुविधाओं से लैस 20 स्विस कॉटेज बनाए जा रहे हैं।
प्रदर्शनी रहेगी खास
चार एकड़ में सरकारी विभाग के पैवेलियन और स्टॉल होंगे। यहां सरकारी योजनाओं की जानकारी दी जाएगी। इस बार कृषि प्रदर्शनी खास रहेगी।
आधुनिक तरीके से गन्ना उत्पादन की तकनीक बताई जाएगी। इसकी तैयारी भी बड़े पैमाने पर चल रही है।
सोनपुर मेले के लिएं प्रशासन की ओर से कराया जा रहा निर्माण कार्य।
घोड़ा बाजार रहता है आकर्षण का केंद्र
पशु मेले में प्रतिबंधित पशुओं की खरीद-बिक्री नहीं होती है। परंपरागत ढंग से पशु मेला का संचालन होगा।
घोड़ा बाजार मेला का मुख्य आकर्षण केंद्र होता है। पिछले वर्ष करीब 5500 घोड़े आए थे।
घोड़े की चाल की प्रतियोगिता भी होती है।