शिक्षकों की बहाली के लिए बनाई गई नियमावली को चुनौती देने वाली याचिका पर पटना हाईकोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार को तीन सप्ताह के भीतर जबाबी हलफनामा दायर कर स्थिति स्पष्ट करने का आदेश दिया।

हालांकि कोर्ट ने शिक्षक बहाली पर फिलहाल रोक लगाने से मना करते हुए कहा कि अभी ऐसी स्थिति नहीं है। जब कोर्ट को लगेगा कि रोक लगाई जाए तब इस पर विचार किया जायेगा। सुबोध कुमार की ओर से दायर याचिका पर मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति पार्थ सारथी ने सुनवाई की।

अगली सुनवाई 29 अगस्त को होगी। आवेदक की ओर से अधिवक्ता अभिनव श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया कि राज्य में शिक्षकों की बहाली के लिए राज्य सरकार ने एक नई नियमावली बनाई है। इसके तहत बीपीएससी ने राज्य में शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया शुरू की है।

उनका कहना था कि वर्ष 2006 से 2023 तक बहाल शिक्षकों को भी नई नियमावली प्रक्रिया से गुजरना होगा। उन्हें परीक्षा देनी होगा तभी उन्हें सरकारी सेवक का दर्जा प्राप्त होगा। उनका कहना था कि नई नियमावली में 2006 से कार्यरत शिक्षकों को सरकारी सेवक होने का लाभ नहीं मिलेगा, जबकि वे पिछले कई वर्षों से सरकारी स्कूल में पढ़ा रहे हैं।

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