शिक्षक नियुक्ति के प्रथम चरण के परिणाम पर सवाल उठाने वाले 741 अभ्यर्थियों को बिहार लोक सेवा आयोग नोटिस जारी करेगा।
नोटिस जारी होने के एक सप्ताह के अंदर इन्हें अपना स्पष्टीकरण देना होगा।
जवाब संतोषजनक नहीं रहा तो आयोग कार्रवाई करेगा। माना जा रहा है ऐसे अभ्यर्थियों को बीपीएससी की अगली परीक्षाओं में शामिल होने पर रोक लगाई जा सकती है।
बड़ी संख्या अभ्यर्थियों दावा कर रहे थे इनका कटऑफ से अधिक अंक है बावजूद उनका चयन शिक्षक के पद पर नहीं किया गया।
ऐसे अभ्यर्थियों के लिए आयोग ने शिकायत पोर्टल खोला था। पोर्टल पर करीब 741 अभ्यर्थियों ने अपनी आपत्ति दर्ज कराई। इन सभी को आयोग ने आरोपों के संबंध में शपथ पत्र के साथ तथ्य उपलब्ध कराने को कहा था।
पर शिकायत करनेवाले किसी भी अभ्यर्थी ने आयोग को न तो तथ्य उपलब्ध कराए ना ही शपथ पत्र दिया।
इस मसले को बीपीएससी ने गंभीरता से लिया है। आयोग के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने ट्वीट कर जानकारी दी की ऐसे मामलों पर आयोग सख्ती से पेश आएगा।
इन अभ्यर्थियों ने अपना समय तो बर्बाद करने के साथ ही आयोग का भी समय खराब किया।
ऐसे सभी 741 अभ्यर्थियों को नोटिस दिया जाएगा और उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।
कक्षा एक से पांच के लिए आज से होगा आवेदन
बीपीएससी ने एक से पांच कक्षा के लिए नए सिरे से आवेदन करने को कहा है।
आयोग ने एक से पांचवी कक्षा के लिए पंजीयन, भुगतान और ऑनलाइन आवेदन के लिए 16 नवम्बर से 25 नवम्बर तक समय निर्धारित किया है।
विषय के बदले अन्य का विकल्प भरने वाले अभ्यर्थियों को फिलहाल आयोग से राहत नहीं
शिक्षक नियुक्ति के दूसरे चरण में वैसे अभ्यर्थी जिन्होंने आवेदन करते समय विषय के बदले अन्य का विकल्प चुना है उन्हें फिलहाल आयोग ने कोई राहत नहीं दी है।
ऐसे अभ्यर्थियों पर आयोग की ओर से अभी निर्णय नहीं लिया गया है।
बताया जाता है कि ऐसे अभ्यर्थियां की संख्या 50 हजार से ज्यादा है।
अब विषय के बदले अन्य चुनने वाले अभ्यर्थी परेशान हैं। इधर आयोग के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने ट्वीट कर कहा है कि अन्य विषय पर भ्रम अनावश्यक था और स्पष्टीकरण भी अनावश्यक था।
देर से स्पष्टीकरण के लिए बीपीएससी को दोषी ठहराने वाले को अभी भी यह समझ में नहीं आया है कि आवेदनों में संशोधन करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
बीपीएससी पर लगाए गए आरोपों के गंभीर परिणाम हो सकते हैं।