पटना, 15 मई 2025 – आज गव्य विकास निदेशालय, बिहार, पटना में पशुपालन एवं मत्स्य संसाधन विभाग के तहत संचालित विभिन्न योजनाओं की गहन समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता बिहार सरकार की अपर मुख्य सचिव डॉ. एन. विजयलक्ष्मी ने की। बैठक में विभाग के मुख्यालय स्तर के साथ-साथ जिला स्तर के सभी संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक का मुख्य उद्देश्य राज्य सरकार द्वारा संचालित “समग्र गव्य विकास योजना”, “देशी गौपालन प्रोत्साहन योजना” तथा “पशु बीमा योजना” जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों के कार्यान्वयन की स्थिति की समीक्षा करना था।

बैठक की शुरुआत में निदेशक (गव्य) श्री केदार नाथ सिंह ने राज्य भर में चल रही योजनाओं की प्रगति से संबंधित विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने विभिन्न जिलों में प्राप्त लक्ष्यों की तुलना में अब तक की उपलब्धियों की जानकारी साझा की। इसके अलावा, उन्होंने योजनाओं के क्रियान्वयन में आ रही प्रमुख चुनौतियों और उनके संभावित समाधान भी बताए।

अपर मुख्य सचिव डॉ. एन. विजयलक्ष्मी ने समीक्षा के दौरान स्पष्ट रूप से कहा कि ये योजनाएँ न केवल पशुपालकों की आजीविका में सुधार लाने के लिए हैं, बल्कि राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बनाने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने उपस्थित सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे निर्धारित लक्ष्यों की शीघ्र प्राप्ति हेतु रणनीतिक और ठोस कदम उठाएं।

उन्होंने कहा कि समयबद्ध कार्यान्वयन, लाभुकों तक योजनाओं की प्रभावी पहुंच और पारदर्शिता ही किसी योजना की सफलता की कुंजी है। उन्होंने अधिकारियों से यह भी अपेक्षा की कि वे ज़मीनी स्तर पर कार्य करते हुए पशुपालकों को योजनाओं के लाभों की सीधी जानकारी दें। विशेष रूप से पशु बीमा योजना के संबंध में उन्होंने कहा कि यह योजना पशुपालकों के आर्थिक सुरक्षा कवच के रूप में कार्य करती है, अतः इसकी उपयोगिता से पशुपालकों को अवगत कराना अत्यंत आवश्यक है।

बैठक में इस बात पर विशेष बल दिया गया कि पशुपालकों को प्रशिक्षित कर उन्हें वैज्ञानिक पद्धतियों से जोड़ा जाए। इसके लिए अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे प्रशिक्षण कार्यक्रमों की सघन कार्ययोजना बनाएं और इनका प्रचार-प्रसार गाँव-गाँव तक करें। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि लाभुकों को योजना से जुड़ने में कोई कठिनाई न हो और सभी प्रक्रियाएँ सरल एवं सुलभ हों।

डॉ. विजयलक्ष्मी ने अधिकारियों से यह अपेक्षा की कि वे विभागीय लक्ष्यों को प्राथमिकता देते हुए योजनाओं के कार्यान्वयन में सक्रिय भूमिका निभाएं। उन्होंने यह भी कहा कि प्रत्येक अधिकारी अपने क्षेत्र में योजनाओं की समीक्षा नियमित रूप से करें और प्रगति रिपोर्ट मुख्यालय को समय पर भेजें।

बैठक में संयुक्त निदेशक (मुख्यालय), सभी क्षेत्रीय संयुक्त निदेशक (गव्य) तथा सभी जिला गव्य विकास पदाधिकारी भी उपस्थित रहे। सभी अधिकारियों ने अपने-अपने क्षेत्रों में योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति, अब तक की प्रगति और आगामी कार्ययोजना से संबंधित जानकारी साझा की।

अंत में, डॉ. विजयलक्ष्मी ने कहा कि राज्य सरकार पशुपालकों की आय में वृद्धि और उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु सभी विभागीय अधिकारियों को समर्पण और उत्तरदायित्व के साथ कार्य करना होगा। बैठक का समापन सकारात्मक चर्चा और ठोस कार्ययोजनाओं के साथ हुआ, जिससे आने वाले समय में पशुपालन क्षेत्र में और अधिक प्रगति की अपेक्षा की जा रही है।

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