बिहार के बांका जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। जिले के अमरपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत झरना पहाड़ी इलाके में एक 15 वर्षीय किशोर की हत्या का मामला सामने आया है। मृतक की पहचान अंशु कुमार के रूप में हुई है, जो नाश्ते की एक छोटी सी दुकान चलाता था। रविवार को उसका शव झरना पहाड़ी से बरामद किया गया। इस मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। प्रारंभिक जांच में हत्या का कारण प्रेम-प्रसंग और छेड़खानी से जुड़ा विवाद बताया जा रहा है।

जानकारी के अनुसार, अंशु कुमार शनिवार दोपहर से लापता था। जब वह देर शाम तक घर नहीं लौटा तो उसके परिजनों ने उसे ढूंढ़ना शुरू किया, लेकिन काफी खोजबीन के बावजूद उसका कोई सुराग नहीं लगा। परेशान परिवार ने देर रात बांका थाने में उसकी गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की और जांच के दौरान कुछ अहम सुराग मिले।

परिजनों ने पुलिस को बताया कि कुछ दिनों पहले अंशु का पास की दुकान चलाने वाले युवक राहुल कुमार उर्फ छोटू से झगड़ा हुआ था। पुलिस को शक हुआ और उसने राहुल को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की। पूछताछ में राहुल ने अंशु की हत्या करने की बात स्वीकार कर ली। उसने बताया कि अंशु उसकी बहन पर छींटाकशी करता था, उसे देखकर सीटी मारता था और कई बार परेशान करता था। इस बात को लेकर वह काफी समय से गुस्से में था और उसने बदला लेने की ठान ली थी।

राहुल ने पुलिस को बताया कि शनिवार को उसने अंशु को बहला-फुसलाकर झरना पहाड़ी क्षेत्र में बुलाया और वहीं उसकी हत्या कर दी। इसके बाद शव को छिपाने के इरादे से पहाड़ी से नीचे फेंक दिया गया। आरोपी की निशानदेही पर बांका एसडीपीओ विपिन विहारी, थाना अध्यक्ष राकेश कुमार सहित पुलिस बल मौके पर पहुंचा और अंशु का शव बरामद किया गया। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

पुलिस ने इस मामले में सिर्फ राहुल को ही नहीं, बल्कि दो अन्य संदिग्धों को भी हिरासत में लिया है, जिनसे पूछताछ जारी है। संभावना जताई जा रही है कि इस हत्या की साजिश में अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं। फिलहाल पुलिस सभी पहलुओं पर गंभीरता से जांच कर रही है।

अंशु की मौत से उसके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है। मोहल्ले में मातम पसरा हुआ है और लोग इस घटना को लेकर गहरा दुख और गुस्सा जता रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि अंशु एक मेहनती और सीधा-सादा लड़का था, जो अपनी दुकान चलाकर परिवार की मदद करता था।

इस मामले ने फिर से समाज में बढ़ती हिंसा और किशोरों के बीच गहराते टकराव को उजागर किया है। पुलिस प्रशासन की त्वरित कार्रवाई ने भले ही आरोपियों तक पहुंचने में सफलता दिलाई हो, लेकिन सवाल यह भी उठता है कि क्या ऐसे मामलों को पहले ही रोका नहीं जा सकता था?

बांका पुलिस का कहना है कि वह मामले की हर कड़ी को जोड़ने की कोशिश कर रही है और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। साथ ही, पुलिस लोगों से अपील कर रही है कि किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत प्रशासन को दें ताकि भविष्य में ऐसे दर्दनाक हादसों से बचा जा सके।

यह घटना न केवल बांका जिले बल्कि पूरे बिहार के लिए एक चेतावनी है कि समाज में छोटे-छोटे विवाद कैसे बड़ी त्रासदी में बदल सकते हैं। अब देखना यह होगा कि इस मामले में न्याय कितनी जल्दी और सख्ती से होता है, ताकि मृतक के परिजनों को इंसाफ मिल सके और समाज में एक सकारात्मक संदेश जाए।

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