अब अमेरिका में फर्जी वैक्‍सीन सर्टिफिकेट जारी करने का मामला सामने आया है. न्‍यूयॉर्क में मौजूद दो नर्सों ने वैक्‍सीन (Corona vaccine) लगाने के नाम पर बहुत बड़ा फर्जीवाड़ा किया है. इन दोनों नर्सो पर आरोप है कि ये वैक्‍सीन नहीं लगाती थीं और लोगों को सर्टिफिकेट दे देती थीं. हैरानी की बात ये है कि  वैक्‍सीन लगाने के इस गड़बड़झाले में इन दोनों ने 11 करोड़ रुपए जमा कर लिए थे. 

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इनसाइडर की खबर के मुताबिक- इस मामले में दो नर्स और एक रिसेप्‍शिनिस्‍ट को पिछले सप्‍ताह गिरफ्तार किया गया है. इस मामले में जांच में शामिल अधिकारियों ने कहा वैक्‍सीन लगाने के फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ हुआ है. आरोपियों ने लाखों नकली वैक्‍सीन कार्ड जारी कर दिए. वहीं स्‍टेट के डाटाबेस में गलत सूचना भर दी थी.  

दोनों नर्स की पहचान Julie DeVuono ( 49) और Marissa Urraro (44) के तौर पर हुई है. इससे पहले न्‍यूयॉर्क के गवर्नर कैथी होचुल (New York Gov. Kathy Hochul) ने दिसंबर में उस कानून को अनुमति दी थी, जिसमें वैक्‍सीन का फर्जी रिकॉर्ड बनाने पर सजा का प्रावधान था. 

कितना चार्ज करतीं थी नर्स ?  पुलिस की जांच में सामने आया है कि एडल्‍ट का फर्जी वैक्‍सीन कार्ड बनाने के करीब 16 हजार रुपए लिए जाते थे. वहीं बच्‍चों का फर्जी वैक्‍सीन कार्ड बनाने का ये दोनों नर्स 6 हजार रुपए से ज्‍यादा वसूलती थीं. इसके बाद ये New York State Immunization Information System में फर्जी एंट्री कर देती थी. 

घर में मिला करोड़ों का कैश  पुलिस को DeVuono के घर से 6 करोड़ 72 लाख से ज्‍यादा का कैश मिला है. वहीं रिकॉर्ड बताते हैं कि उन्‍होंने इस फर्जीवाड़े से नवम्‍बर से 11 करोड़ रुपए से ज्‍यादा की कुल कमाई की थी. 

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