प्रत्येक वर्ष 17 मई को विश्व में उच्च रक्तचाप दिवस मनाया जाता है। दरअसल हाइपरटेंशन से हर साल लाखों लोग पीड़ित होते हैं। इससे शरीर में कई और बड़ी बीमारियां भी हो जाती है।

इस वर्ष वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे की थीम है अपने ब्लड प्रेशर को सटीक रूप से मापें, इसे नियंत्रित करें, लंबे समय तक जीवित रहें। डॉक्टरों ने कहा कि आम लोगों को जागरुक करने के उद्देश्य से हाइपरटेंशन डे मनाया जाता है। इधर वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे पर भागलपुर आईएमए हॉल में मंगलवार को जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन एवं एसोसिएशन ऑफ फिजीशियन ऑफ इंडिया की ओर से आयोजित कार्यक्रम का उदघाटन आईएमए के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. डीपी सिंह, भागलपुर आईएमए के अध्यक्ष डॉ. संजय सिंह, सचिव डॉ. मनीष कुमार, डॉ. भरत भूषण, डॉ. ओबैद अली और आगत अतिथियों ने संयुक्त रूप से किया।

वहीं चिकित्सकों ने बताया कि उच्च रक्तचाप साइलेंट किलर की तरह है। जिसको कंट्रोल में रखना बेहद जरूरी है। डॉ. मनीष कुमार ने जानकारी दी कि लोगों को हृदय रोग, पक्षाघात, न्यूरोपैथी, नेत्र एवं किडनी की गंभीर बीमारी से बचाव के लिए डॉक्टर की सलाह पर उचित डोज वाली बीपी की दवा नियमित खानी चाहिए।

उन्होंने बताया कि उच्च रक्तचाप को साइलेंट किलर इसलिए कहा जाता है कि जब तक इसके लक्षण दिखाई पड़ते हैं, तब तक काफी लेट हो चुकी होती है।

साथ ही कहा कि कुछ लोग जानकारी होने के बावजूद भी कम दवा का सेवन करते हैं जो उनके स्वास्थ्य के लिए घातक है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए चिकित्सकों ने कहा कि ब्लड प्रेशर जांचने की प्रक्रिया सही होनी चाहिए।

डॉक्टर के पास पहुंचने के फौरन बाद ब्लड प्रेशर नहीं मापना चाहिए, बल्कि 5 मिनट शांत बैठने के बाद ही 3 बार ब्लड प्रेशर मापना चाहिए। साथ ही जांच की जगह के आसपास शोर गुल नहीं होना चाहिए। बताया कि तीन बार की जांच के औसत को ही सही बीपी माना जाना चाहिए।

मौके पर डॉ. डीपी सिंह ने कहा कि हमारे देश में 33 परसेंट पुरुष एवं 25 परसेंट महिलाएं हाइपरटेंशन से ग्रसित हैं। जबकि 18 साल से ऊपर के नौजवान भी इस बीमारी की चपेट में हैं। डॉक्टर ने हाइपरटेंशन से बचाव के लिए लोगों को नमक का इस्तेमाल कम करने, सिगरेट एवं शराब का सेवन नहीं करने और अधिक वसायुक्त भोजन से बचने की सलाह दी।

डॉ. डीपी सिंह ने कहा कि बदलती जीवनशैली और खानपान में गड़बड़ी के कारण प्रतिदिन बीपी के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। उन्होंने बताया कि देश में करीब 40 करोड़ लोग इस बीमारी की चपेट में हैं और तीन में एक व्यक्ति हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित है।

डाक्टरों ने तनाव रहित जीवन जीने पर भी जोर दिया। इस अवसर पर डॉ. विनय झा, डॉ. आशीष सिन्हा, सैयद जीजाह हुसैन, विश्वजीत चौधरी समेत आईएमए और एपीआई से जुड़े कई चिकित्सक मौजूद थे।

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