मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रत्येक सोमवार को जनता के दरबार कार्यक्रम में फरियादियों से मिलते हैं और उनकी समस्याएं सुनकर विभाग के अधिकारियों को समाधान करने का आदेश देते हैं। हर बार की तरह इस बार भी कोरोना प्रोटोकॉल को लेकर जनता दरबार में आने वालों की संख्या सीमित रखी गयी थी। बता दें कि जनता दरबार में आने से पूर्व फरियादियों को ऑनलाइन निबंधन कराना होता है। लेकिन इसके बावजूद कई फरियादी जनता दरबार के बाहर नजर आते हैं। वे इस उम्मीद से आते है कि कही उनकी भी फरियाद सरकार सुन लेगी। ऐसे ही उम्मीद लेकर जनता दरबार के बाहर आए एक पिता ने सरकार से न्याय की गुहार लगाई है। बेटी के लिए तीन साल से वे कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। लेकिन अब तक उन्हें न्याय नहीं मिला है। मृत बेटी की फोटो लिए उसे न्याय दिलाने के लिए वे दर-दर भटक रहे हैं। 

बता दें कि भागलपुर के नाथ नगर के रहने वाले विवेकानंद मंडल की पुत्री स्नेहा कुमारी 2013 में पुलिस की नौकरी में ज्वॉइन की थी। बिहार पुलिस में नौकरी सीवान में करने के दौरान जून 2019 में उनकी बेटी की मौत रहस्यमय ढंग से हो गई। बेटी की मौत के बाद अब विवेकानंद न्याय के लिए दर-दर भटक रहे हैं। मुख्यमंत्री के जनता दरबार में इंसाफ मिलेगा यह सोचकर वे पटना आए लेकिन उन्हें नहीं पता था कि जनता दरबार में शामिल होने के लिए ऑनलाइन आवेदन और रजिस्टेशन कराना होता है लिहाजा उन्हें जनता दरबार में एंट्री नहीं मिली।

बड़ी उम्मीद लेकर वे मुख्यमंत्री के जनता दरबार में शामिल होने के लिए भागलपुर से पटना आए थे। हाथ में बेटी की फोटो लिए विवेकानंद पर जब मीडिया की नजर गयी तब उन्होंने बताया कि उनकी बेटी काफी सुन्दर थी और इसी का खामियाजा उसे भुगतना पड़ा। उनका आरोप है कि उनकी बेटी की हत्या की गयी है। तीन साल तक कानूनी लड़ाई लड़ने के बावजूद अब तक विवेकानंद मंडल को न्याय नहीं मिल पाया। बेटी को न्याय दिलाने के लिए सोमवार की सुबह वे जनता दरबार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने पहुंचे थे। बड़ी उम्मीद लेकर वे मुख्यमंत्री की जनता दरबार में आए थे। विवेकानंद ने बेटी की मौत का जिम्मेवार शासन और प्रशासन पर लगाया है। उनकी मांग है कि इस मामले में जो भी दोषी है उन्हें सजा मिले और मृत बेटी को न्याय मिले।

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