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पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य सरकार प्रत्येक वर्ग के विकास और उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है, विशेषकर दिव्यांगजनों के अधिकारों और आवश्यकताओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। सोमवार को एक अणे मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास में दिव्यांगजनों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी सभी आवश्यकताओं और समस्याओं का प्राथमिकता के आधार पर समाधान किया जाएगा।

इस मुलाकात के दौरान दिव्यांग प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को पुष्पगुच्छ भेंट कर उनका स्वागत किया और हाल ही में सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत पेंशन राशि में ढाई गुणा से अधिक बढ़ोतरी किए जाने के लिए आभार जताया। दिव्यांगजनों ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा लिया गया यह ऐतिहासिक फैसला समाज के कमजोर तबके के लिए एक नई दिशा और सम्मान की शुरुआत है। उन्होंने कहा कि आपने इतिहास बदलने का काम किया है, और इस सराहनीय कदम के लिए हम सभी आपके साथ हैं।

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मुख्यमंत्री ने सभी उपस्थित जनों का अभिनंदन करते हुए कहा, “मैं आप सभी का स्वागत करता हूं। आप सभी बुलंद रहिए, जीवन में कभी हार न मानिए। सरकार सदैव आपके साथ है। हम समाज के हर वर्ग की समस्याओं को सुन रहे हैं और उसका समाधान कर रहे हैं। दिव्यांगजनों की समस्याओं का समाधान भी पूरी गंभीरता से किया जाएगा।”

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 21 जून को सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत वृद्धजनों, विधवा महिलाओं और दिव्यांगजनों को दी जाने वाली मासिक पेंशन में भारी बढ़ोतरी करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया था। इसके तहत पहले जहां लाभार्थियों को ₹400 प्रति माह मिलते थे, अब यह राशि बढ़ाकर ₹1100 प्रति माह कर दी गई है। यह बढ़ोतरी अगले माह से प्रभावी होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना से राज्य के लाखों जरूरतमंद लाभान्वित होंगे और उन्हें आर्थिक सहायता के साथ मानसिक संबल भी मिलेगा।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के साथ जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी, अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण मंत्री रत्नेश सादा, विधायक गुंजेश्वर साह, विधान पार्षद ललन सर्राफ, विधान पार्षद संजय गांधी, जदयू के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद अनिल हेगड़े, प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, डॉ. एस. सिद्धार्थ, सचिव कुमार रवि और जदयू के पूर्व प्रदेश महासचिव संजय कुमार गिरी समेत कई वरिष्ठ अधिकारी और जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि दिव्यांगजनों की समस्याओं का समाधान तेजी से किया जाए। साथ ही उनके लिए संचालित योजनाओं की निगरानी कर यह सुनिश्चित किया जाए कि लाभ वास्तविक जरूरतमंदों तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की मंशा है कि कोई भी दिव्यांग व्यक्ति उपेक्षित महसूस न करे। हम चाहते हैं कि वे समाज की मुख्यधारा में आत्मगौरव के साथ शामिल हों।

मुलाकात के बाद दिव्यांग प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने बताया कि वे वर्षों से पेंशन राशि बढ़ाने की मांग कर रहे थे, जिसे मुख्यमंत्री ने सहानुभूति और समझदारी से स्वीकार कर पूरा कर दिया। अब उन्हें अपने दैनिक खर्चों और दवाइयों के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।

इस भेंटवार्ता ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार सरकार सामाजिक न्याय और कल्याणकारी योजनाओं के प्रति पूरी तरह सजग और समर्पित है। सरकार की यह पहल न सिर्फ दिव्यांगजनों के लिए एक राहत है, बल्कि पूरे राज्य के लिए एक प्रेरणा भी है।

 

 

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