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भागलपुर जिले के सुल्तानगंज में आगामी श्रावणी मेले को लेकर प्रशासन ने तैयारियां तेज कर दी हैं। प्रशासनिक निर्देशों के तहत सुल्तानगंज के दो प्रमुख घाट—**नमामि गंगे घाट** और **अजगैविनाथ गंगा घाट**—पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई। यह कदम श्रावणी मेले की पवित्रता और व्यवस्था बनाए रखने की दिशा में उठाया गया है। कार्रवाई में सुल्तानगंज के अंचलाधिकारी (सीओ) **रवि कुमार** और थाना अध्यक्ष **मृत्युंजय कुमार** ने संयुक्त रूप से नेतृत्व किया।

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शुक्रवार को हुई इस कार्रवाई में **महिला पुलिस बल**, **स्थानीय पुलिस बल** और **नगर परिषद की टीम** के साथ **जेसीबी मशीनों** की सहायता ली गई। प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर घाट क्षेत्र में लगी अवैध दुकानों और अस्थायी ढांचों को हटाने का आदेश दिया, जिसके बाद जेसीबी मशीनों ने दुकानों को तोड़ना शुरू किया। इस दौरान कई दुकानदारों ने विरोध की भी कोशिश की, लेकिन अधिकारियों ने स्पष्ट रूप से कहा कि किसी भी प्रकार का अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

**सीओ रवि कुमार** ने मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए बताया कि बार-बार चेतावनी देने के बावजूद कई दुकानदारों ने घाट क्षेत्र में अवैध तरीके से दुकानें लगाई थीं। उन्होंने कहा, “नमामि गंगे घाट और अजगैविनाथ घाट धार्मिक और प्रशासनिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र हैं। हर साल यहां भारी संख्या में कांवरिए आते हैं। इसलिए घाट की सफाई और खुलापन बहुत जरूरी है। आज जिन लोगों ने तय समय तक दुकानें नहीं हटाईं, उनके ढांचे बुलडोजर से तोड़े गए और आगे से भी इसी प्रकार की कार्रवाई जारी रहेगी।”

थानाध्यक्ष मृत्युंजय कुमार ने भी स्पष्ट शब्दों में कहा कि घाट क्षेत्र में अवैध रूप से दुकान या चौकी लगाने वालों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, “शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी को नियमों का पालन करना होगा। जब तक जिला प्रशासन की ओर से डाक और दुकान लगाने की अनुमति नहीं दी जाती, तब तक किसी को भी घाट क्षेत्र में ढांचा खड़ा करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।”

प्रशासन की इस कार्रवाई से कई दुकानदारों में नाराजगी देखी गई, लेकिन बड़ी संख्या में स्थानीय लोग और श्रद्धालु प्रशासन के इस कदम का स्वागत करते नजर आए। ग्रामीणों ने बताया कि श्रावणी मेले के दौरान घाटों पर भीड़ इतनी अधिक होती है कि यदि अतिक्रमण न हटाया जाए तो श्रद्धालुओं को स्नान, पूजा और जल भरने में कठिनाई होती है। ऐसे में यह कार्रवाई उचित और आवश्यक थी।

इस अभियान के दौरान प्रशासनिक अधिकारी पूरी सतर्कता और सख्ती के साथ घाट पर मौजूद रहे। महिला पुलिस बल की तैनाती विशेष रूप से की गई ताकि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था या महिलाओं को होने वाली असुविधा से बचा जा सके।

गौरतलब है कि श्रावणी मेला पूरे बिहार और झारखंड का एक प्रमुख धार्मिक आयोजन है, जिसमें लाखों कांवरिए बाबा अजगैविनाथ और बाबा बैद्यनाथ को जल चढ़ाने सुल्तानगंज से देवघर तक की पदयात्रा करते हैं। प्रशासन इस बार श्रावणी मेले को लेकर विशेष सतर्कता बरत रहा है।

सीओ रवि कुमार ने यह भी कहा कि, “जिस समय डाक का आयोजन होगा, तभी घाट क्षेत्र में अस्थायी दुकानों और चौकियों की अनुमति दी जाएगी। इससे पहले कोई भी दुकान लगाना प्रतिबंधित रहेगा।”

अंत में, प्रशासन ने यह संदेश स्पष्ट कर दिया कि **श्रावणी मेले को स्वच्छ, सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाए रखने के लिए कोई भी ढील नहीं दी जाएगी।** घाट पर पवित्रता और अनुशासन बनाए रखना सभी की जिम्मेदारी है, और इसके लिए प्रशासन हर संभव कदम उठाएगा।

 

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