नई दिल्ली – महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने और ग्रामीण स्तर पर स्वरोजगार को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने 2023 में एक महत्वपूर्ण योजना की शुरुआत की थी, जिसका नाम है ‘लखपति दीदी योजना’। यह योजना खास तौर पर उन महिलाओं के लिए तैयार की गई है जो स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हैं और अपने व्यवसाय की शुरुआत कर आत्मनिर्भर बनना चाहती हैं।
क्या है लखपति दीदी योजना?
‘लखपति दीदी योजना’ के अंतर्गत सरकार महिलाओं को उद्योग, छोटे व्यवसाय या स्वरोजगार शुरू करने के लिए 1 लाख से लेकर 5 लाख रुपए तक का लोन बिना ब्याज के उपलब्ध करा रही है। इस योजना के जरिए सरकार का लक्ष्य है कि देशभर की लगभग 3 करोड़ महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाया जाए।
स्किल डेवलपमेंट के जरिए मिलेगी नई दिशा
योजना का एक अहम हिस्सा स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम है, जिसके तहत महिलाओं को उनके व्यवसाय से संबंधित आवश्यक ट्रेनिंग दी जाएगी। ट्रेनिंग पूरी करने के बाद उन्हें अपना खुद का बिजनेस शुरू करने के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी। इससे महिलाओं को न केवल रोजगार मिलेगा, बल्कि वे अन्य लोगों को भी रोजगार देने की स्थिति में आ सकेंगी।
योजना की पात्रता – किन्हें मिलेगा लाभ?
इस योजना का लाभ लेने के लिए कुछ खास शर्तों का पालन करना आवश्यक है:
- लाभार्थी महिला का किसी स्वयं सहायता समूह (SHG) से जुड़ा होना जरूरी है।
- महिला के परिवार में कोई भी सदस्य सरकारी नौकरी में नहीं होना चाहिए।
- परिवार की वार्षिक आय 3 लाख रुपए या उससे कम होनी चाहिए।
- महिला की उम्र कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए।
कैसे करें आवेदन?
लखपति दीदी योजना के तहत आवेदन प्रक्रिया सरल और समूह आधारित है:
- महिला को अपने स्वयं सहायता समूह के माध्यम से आवेदन करना होता है।
- आवेदन में बिजनेस प्लान देना होता है जिसमें बताया जाता है कि वह किस क्षेत्र में व्यवसाय शुरू करना चाहती हैं।
- आवेदन की समीक्षा संबंधित सरकारी अधिकारी करते हैं।
- मंजूरी के बाद, महिला को बिना ब्याज का लोन प्रदान किया जाता है।
आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- आय प्रमाण पत्र
- बैंक पासबुक की कॉपी
- पासपोर्ट साइज फोटो
- मोबाइल नंबर
- SHG सदस्यता प्रमाण
इन दस्तावेजों को स्वयं सहायता समूह या ग्राम संगठन के माध्यम से संबंधित सरकारी विभाग को जमा किया जाता है।
ग्रामीण विकास की दिशा में सशक्त कदम
‘लखपति दीदी योजना’ सिर्फ महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने की दिशा में भी एक प्रभावी पहल है। महिलाओं के जरिए गांवों में छोटे उद्योग और सेवाएं विकसित होंगी, जिससे स्थानीय स्तर पर आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
सरकार की सोच – महिला सशक्तिकरण के साथ समृद्ध भारत
सरकार का मानना है कि जब महिलाएं आत्मनिर्भर बनती हैं, तो पूरा परिवार, समाज और अंततः देश मजबूत होता है। यही कारण है कि महिला सशक्तिकरण को सरकार की प्राथमिक नीतियों में शामिल किया गया है। ‘लखपति दीदी योजना’ उसी दिशा में एक ठोस और व्यावहारिक प्रयास है।
निष्कर्ष: आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ता महिला नेतृत्व
‘लखपति दीदी योजना’ न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाने में सहायक है, बल्कि इससे उनकी सामाजिक स्थिति में भी सुधार होगा। महिलाएं अब केवल गृहिणी या श्रमिक भर नहीं रहेंगी, बल्कि वे उद्यमी बनकर समाज और देश की प्रगति में भागीदार बनेंगी। इस योजना से महिलाओं को सशक्त बनाकर भारत को आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाने की दिशा में एक मजबूत आधार तैयार किया जा रहा है|
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