जहानाबाद जिले के हुलासगंज प्रखंड के एक विद्यालय में ऐसा दृश्य देखने को मिला की देखते ही लोग अचंभित हो गए। इस विद्यालय में तीन छात्रा पढ़ने के लिए आती है। जबकि इस विद्यालय में शिक्षक एवं शिक्षिका मिलाकर कुल 4 कर्मी पदस्थापित हैं। इस विद्यालय का नाम प्राथमिक विद्यालय रघुनाथपुर है। इस विद्यालय के प्रधानाध्यापिका ने बताया की इस विद्यालय में छात्र एवं छात्राएं मिलाकर कुल 17 नामांकन है। लेकिन विद्यालय में प्रतिदिन तीन से चार बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं। जहां लोग विद्यालय में शिक्षक भर्ती की मांग को लेकर अभ्यार्थी सड़क पर हैं। वही विद्यालय में शिक्षक आराम फरमा रहे हैं। 

प्रधानाध्यापिका ने बताया की  कई बार वरीय पदाधिकारी भी विद्यालय की जांच किए हैं। लेकिन कोई उचित फैसला नहीं दिया गया है। जिस विद्यालय पर सरकार को हर महीने लगभग 3 लाख खर्च हो रही है और 3 बच्चे पढ़ रहे हैं। कहा जाए तो सरकार पानी की तरह पैसे को बहा रही है। शिक्षा विभाग के इस कारनामे से किरकिरी हो रही है। जबकि शिक्षा विभाग द्वारा वरीय पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि जिस विद्यालय के भवन नहीं है एवं छात्र एवं छात्रा नहीं है। उस विद्यालय को बगल के विद्यालय में समायोजित किया दिया जाए। 

लेकिन पदाधिकारियों द्वारा ऐसा काम नहीं किया जा रहा है। जिसके कारण शिक्षा विभाग की बदनामी हो रही है। गांव वासियों का कहना है कि शिक्षक समय पर विद्यालय आते ही नहीं हैं। आते भी हैं तो उपस्थिति दर्ज कर फरार हो जाते हैं। 

प्रधानाध्यापिका का कहना है कि इसकी सूचना मैंने अपने कार्यालय को उपलब्ध करा दिया है। इस विद्यालय में छात्र एवं छात्रा की उपस्थिति नगण्य है। कार्यालय द्वारा कोई उचित फैसला नहीं लिया गया है। विद्यालय का सुंदर भवन एवं शिक्षक ने पदस्थापित लेकिन छात्र नदारद अगर शिक्षा विभाग द्वारा सही ढंग से जिले में जांच कराई जाए तो ऐसे कई विद्यालय हैं जहां छात्र से ज्यादा शिक्षक ही हैं।

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