बिहार बीजेपी में सालों से काम कर रहे हरि साहनी और अनिल शर्मा को विधान परिषद चुनाव में उम्मीदवार बनाया है. दोनों उम्मीदवार बीजेपी संगठन में कई महत्वपूर्ण पदों पर भी रह चुके हैं. 

बिहार में विधान परिषद चुनाव को लेकर गहमागहमी बढ़ी हुई है. बीजेपी ने अपने दो कर्मठ कार्यकर्ताओं को उम्मीदवार बनाया है. पार्टी में पिछले कई दिनों से चल रहे उम्मीदवारों के मंथन का दौर समाप्त हो गया और उम्मीदवार की घोषणा कर दी गई है. सालों से संगठन में काम कर रहे हरि साहनी और अनिल शर्मा को विधान परिषद चुनाव में उम्मीदवार बनाया है. दोनों उम्मीदवार बीजेपी संगठन में कई महत्वपूर्ण पदों पर भी रह चुके हैं. 

हरि साहनी दरभंगा जिला से आते हैं और दरभंगा जिला में भाजपा के जिला अध्यक्ष भी रह चुके हैं. हरि साहनी ने 2005 में विधानसभा का चुनाव भी लड़ा था. पिछले विधानसभा चुनाव में केवटी विधानसभा से उम्मीदवार के रूप में इनके नाम की घोषणा भी हो गई थी. लेकिन बाद में इनका टिकट कट गया था, जिसके बाद अब बिहार विधान परिषद के चुनाव में भाजपा ने इन्हें उम्मीदवार बनाया है. मल्लाह जाति से आने वाले हरि साहनी को उम्मीदवार बनाकर बीजेपी ने एक तीर से कई निशाने साधे हैं. मुकेश साहनी से अलग होने के बाद यह तय माना जा रहा था कि बीजेपी का एक उम्मीदवार मल्लाह जाति से होगा और मुकेश साहनी की भरपाई भी की जाएगी. 

शर्मा को टिकट देकर भूमिहार जाति को संदेश 

बीजेपी के दूसरे उम्मीदवार अनिल शर्मा पिछले 32 सालों से भाजपा में है और संगठन में कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं. पिछले कई राज्य सभा और विधान परिषद के चुनाव में इनके नामों की चर्चा कई बार हुई लेकिन इस बार भाजपा ने अनिल शर्मा के नाम की घोषणा विधान परिषद चुनाव में बतौर उम्मीदवार कर दी है. जहानाबाद जिले के रहने वाले अनिल शर्मा भूमिहार जाति से आते हैं. माना जा रहा है कि बीजेपी ने अनिल शर्मा को टिकट देकर भूमिहार जाति में भी बड़ा मैसेज दिया है. 

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