भागलपुर, तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय सचमुच प्रदर्शनकारियों का अड्डा बनता जा रहा है। प्रत्येक दिन कोई न कोई धरना प्रदर्शन यहां देखने को मिल जाएगा। बताते चलें कि आज भी उसी कड़ी में कुछ छात्रों ने प्रशासनिक भवन के सामने जोरदार हंगामा कर रहे थे उन लोगों का कहना था विश्वविद्यालय में स्थाई कुलपति नहीं होने के चलते विश्वविद्यालय का शैक्षणिक स्तर काफी नीचे गिर चुका है ,उस पर बदलाव हो।

विश्वविद्यालय में स्थाई कुलपति के नहीं रहने के चलते 6000 डिग्री सर्टिफिकेट ऐसे ही कई महीनों से पढ़े हुए हैं जिस पर एक हस्ताक्षर नहीं हो पा रहा है जिससे छात्र छात्राओं को रोजी रोजगार में परेशानी हो रही है । दीक्षांत समारोह के नाम पर छात्र-छात्राओं से पैसे लिए गए हैं उसे भी वापस किया जाए।केंद्र सरकार के आदेशानुसार कोरोना काल के दौरान तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय का छात्रावास पूर्णरूपेण बंद था, जिसमें सत्र 2017 – 19 के छात्र थे और सत्र 2018 – 20 के भी छात्र थे ।

2018- 20 के छात्रों का कहना हुआ कि कोरोना काल में छात्रावास 8 महीने बंद था, जिसकी सुविधा सत्र 17 – 19 के छात्रों का पूरा मुआवजा दे दिया गया। उनलोगों का छात्रावास शुल्क भी माफ किया गया ।ठीक उसी समय सत्र 2018- 20 के छात्र भी 8 महीना अनुपस्थित थे ।वही 8 महीने का मुआवजा उन लोगों को भी दिया जाए।

इसके लिए प्रदर्शनकारी छात्र डीएसडब्ल्यू, प्रो वीसी, रजिस्ट्रार, परीक्षा नियंत्रक सभी से मिलकर एक -एक प्रतिलिपि दिए है ।फिर भी इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया जा रहा है । प्रदर्शनकारी छात्रों ने कहा अगर हमारी मांगे पूरी नहीं हुई तो इस आंदोलन को और भी बृहद पैमाने पर करूंगा चाहे मुझे विश्वविद्यालय के कर्मचारियों को बंधक क्यों ना बनाना पड़े मैं उसके लिए भी तैयार हूं।
इस प्रदर्शन में दर्जनों छात्र-छात्राएं मौजूद थे।

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