सूबे में वाटर टेक्नोलॉजी भवन और वाटर टेक्नोलॉजी पार्क का निर्माण होगा। जल संसाधन विभाग ने इस योजना को हरी झंडी दे दी है। यही नहीं इसकी सारी तैयारी भी पूरी कर ली गयी है। जल संसाधन विभाग के पटना दफ्तर परिसर में वाटर टेक्नोलॉजी भवन का निर्माण होगा।

जबकि वाल्मी परिसर में वाटर टेक्नोलॉजी पार्क का निर्माण होगा। इसके लिए 5 एकड़ जमीन चिह्नित कर ली गयी है।

इनमें जल संसाधन विभाग और लघु जल संसाधन विभाग से जुड़ी तमाम जानकारियां होंगी।

वाटर टेक्नोलॉजी भवन और वाटर टेक्नोलॉजी पार्क निर्माण की रूपरेखा तैयार करने के लिए जल संसाधन विभाग, लघु जल संसाधन विभाग और वाल्मी के अधिकारियों की 8 सदस्यीय उच्चस्तरीय कमेटी बनायी गयी है।

जल संसाधन विभाग के योजना एवं मॉनिटरिंग के मुख्य अभियंता संजय कुमार ओझा की अध्यक्षता में गठित कमेटी इन निर्माण योजना को लेकर कान्सेप्ट नोट तैयार करेगा।

योजना एवं मॉनिटरिंग अंचल-1 के अधीक्षण अभियंता प्रमोद कुमार इसके सदस्य सचिव होंगे। कमेटी दोनों निर्माण कार्यों के लिए अलग-अलग कान्सेप्ट नोट तैयार करेगी।

जल संसाधन विभाग व लघु जल संसाधन विभाग में नयी व अभिनव तकनीक से करायी जा रही योजनाओं की पूरी जानकारी रहेगी। इससे संबंधित वीडियो, तस्वीर के साथ-साथ योजनाओं से जुड़े वार्षिक मूल्यांकन का विवरण भी उपलब्ध रहेगा।

वाटर टेक्नोलॉजी पार्क

जल संसाधन विभाग व लघु जल संसाधन विभाग से संबंधित संरचनाओं सहित नहर प्रणाली, संरचना सहित तटबंध (जल प्रवाह के साथ) व बाढ़ संघर्षात्मक व सुरक्षात्मक कार्य के तहत कराये जाने वाले सभी कार्यों का मॉडल रहेगा। यही नहीं निर्माण सामग्री का बी मॉडल रहेगा।

तीन विभागों के अधिकारियों की कमेटी में ये अफसर भी शामिल

जल संसाधन विभाग के यांत्रिक मुख्य अभियंता दिलीप कुमार, संयुक्त सचिव (अभियंत्रण) संजीव शैलेश, योजना एवं मॉनिटरिंग अंचल-2 के अधीक्षण अभियंता अबरार अहमद, योजना एवं मॉनिटरिंग अंचल-3 के अधीक्षण अभियंता जितेन्द्र कुमार, बाढ़ नियंत्रण योजना एवं मॉनिटरिंग अंचल के अधीक्षण अभियंता दिलीप कुमार, बाढ़ नियंत्रण, लघु जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता मुख्यालय मॉनिटरिंग राजेश कुमार, जल विज्ञान निदेशालय के संयुक्त निदेशक संजय कुमार सिंह, वाल्मी के भूमिगत जल विज्ञान की रीडर शीला सिंह।

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