इस्माईलपुर: गंगा नदी के कटाव से प्रभावित इलाकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जल संसाधन विभाग द्वारा इस्माईलपुर से बिंदटोली के बीच 64 करोड़ रुपये की लागत से कटावरोधी कार्य कराए जा रहे हैं। इस परियोजना के अंतर्गत विभिन्न स्थलों पर मिट्टी भराई, पाइलिंग सीट, और अन्य संरचनात्मक उपाय किए जा रहे हैं ताकि तटवर्ती गांवों को बचाया जा सके।
इसी क्रम में जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता ई. अनवर जमीन ने हाल ही में कार्यस्थलों का निरीक्षण किया। उनके साथ भागलपुर के अधीक्षण अभियंता संजीव शैलेश, नवगछिया बाढ़ नियंत्रण कार्यालय के कार्यपालक अभियंता ई. गौतम कुमार सहित अन्य तकनीकी अधिकारी मौजूद थे। निरीक्षण के दौरान टीम ने इस्माईलपुर-बिंदटोली के बुद्धचक गांव के पास कटाव प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया, जहां कटावरोधी कार्य की प्रगति अपेक्षाकृत धीमी पाई गई।
इस धीमी प्रगति पर मुख्य अभियंता ने गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने मौके पर उपस्थित अभियंताओं को स्पष्ट रूप से निर्देश दिया कि अगले पंद्रह दिनों तक कार्य युद्धस्तर पर दिन-रात किया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि 15 मई तक हर हाल में सभी कटावरोधी कार्य पूरे होने चाहिए। कार्यों में किसी भी तरह की लापरवाही या देरी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
मुख्य अभियंता ने यह भी कहा कि अगर कार्य निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण नहीं होते हैं, तो संबंधित अधिकारियों और ठेकेदारों पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उनसे वसूली (रिकवरी) की जाएगी और विधिसम्मत कठोर कदम भी उठाए जाएंगे। निरीक्षण के दौरान उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि मिट्टी भराई के साथ-साथ पाइलिंग सीट के काम की भी नियमित रूप से निगरानी की जाए, ताकि किसी प्रकार की तकनीकी त्रुटि न रह जाए।
उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने को कहा कि निर्माण कार्य गुणवत्ता मानकों के अनुरूप हो और भविष्य में इन संरचनाओं की मजबूती बनी रहे। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि स्थानीय निवासियों को समय-समय पर जानकारी दी जाए, जिससे पारदर्शिता बनी रहे और लोगों का भरोसा विभाग पर बना रहे।
गौरतलब है कि गंगा के किनारे बसे इस्माईलपुर और बिंदटोली जैसे गांव हर साल कटाव की मार झेलते हैं। ऐसे में यह परियोजना स्थानीय निवासियों के लिए राहत की उम्मीद लेकर आई है। यदि यह कार्य तय समय सीमा में पूरा होता है तो यह क्षेत्र गंगा के प्रकोप से सुरक्षित रह सकेगा और सैकड़ों परिवारों को स्थायीत्व मिलेगा।
मुख्य अभियंता की यह सख्ती विभागीय स्तर पर गंभीरता का संकेत है और यह सुनिश्चित करने की दिशा में एक मजबूत कदम है कि परियोजना समय पर और गुणवत्तापूर्ण ढंग से पूर्ण हो।