भारत के साथ विदेश में भी कृष्ण जन्मोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में कान्हा ने जन्म लिया था. कृष्ण जन्माष्टमी इस साल 18 और 19 अगस्त दो दिन मनाई जाएगी. बाल गोपाल की जयंती पर व्रत रखकर उनकी विशेष पूजा की जाती है. मध्यरात्रि में लड्‌डू गोपाल की आराधना करने पर सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है, साथ ही धन की कभी कमी नहीं रहती है. भगवान कृष्ण की पूजा का बहुत महत्व है,इसलिए जन्माष्टमी पर किन सामग्री से कान्हा का पूजन करना है इसकी लिस्ट तैयार कर लें. आइए जानते हैं जन्माष्टमी पूजन की सामग्री.

भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 18 अगस्त को रात 9 बजकर 21 मिनट से हो रहा है. अष्टमी तिथि की समाप्ति 19 अगस्त को रात 10 बजकर 59 मिनट पर होगी.

लड्‌डू गोपाल की मूर्ति,  सिंहासन, रोली, सिंदूर, सुपारी, पान के पत्ते, फूल माला, कमलगट्टे, पीले वस्त्र, केले के पत्ते

कुशा और दूर्वा, पंचमेवा, गंगाजल, शहद, शक्कर, तुलसी के पत्ते, शुद्ध घी, दही, दूध, मौसम के अनुसार फल, इत्र, पंचामृत, पुष्प

कुमकुम, अक्षत, आभूषण, मौली, रुई, तुलसी की माला, खड़ा धनिया, अबीर, गुलाल, अभ्रक, हल्दी, सप्तमृत्तिका, सप्तधान,  बाजोट या झूला

नैवेद्य या मिठाई, छोटी इलायची, लौंग, धूपबत्ती, कपूर, केसर, चंदन, माखन, मिश्री, कलश, दीपक, धूप, नारियल, अभिषेक के लिए तांबे या चांदी का पात्र

मोरपंख, बांसुरी, गाय की प्रतिमा, वैजयंती माला, लाल कपड़ा, तुलसी के पत्ते, आभूषण, मोट मुकुट, खीरा, गणेशजी को अर्पित करने हेतु वस्त्र, अम्बिका को अर्पित करने हेतु वस्त्र

जन्माष्टमी पर करें श्रीकृष्ण के इन मंत्रों का जाप

हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण, हरे हरे राम, हरे राम, राम राम, हरे हरे

श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारे, हे नाथ नारायण वासुदेवा

ॐ नमो भगवते तस्मै कृष्णाया कुण्ठमेधसे।  सर्वव्याधि विनाशाय प्रभो माममृतं कृधि।।

ॐ नमो भगवते श्री गोविन्दाय

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