मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने का अभियान चलाया गया है।
सभी सरकारी भवनों की छत पर सोलर प्लेट्स लगाए जाने का निर्णय लिया गया है
ताकि उस भवन में बिजली की आवश्यकता की पूर्ति सौर ऊर्जा से हो जाए। जिन जगहों पर यह काम अभी बाकी है उस काम में तेजी लाएं। सौर ऊर्जा असली ऊर्जा है।
मुख्यमंत्री ने मंगलवार को मुख्य सचिवालय स्थित सभा कक्ष में लोक कल्याणकारी योजनाओं के संबंध में आयोजित जनसंवाद कार्यक्रम के माध्यम से प्राप्त सुझावों को लेकर समीक्षा बैठक की।
बैठक में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, ऊर्जा व योजना एवं विकास मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव, वित्त, वाणिज्यकर एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, पीएचईडी मंत्री ललित कुमार यादव, पंचायती राज मंत्री मुरारी प्रसाद गौतम, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री अनिता देवी, विज्ञान एवं प्रावैधिकी मंत्री सुमित कुमार सिंह, श्रम संसाधन मंत्री सुरेंद्र राम, एससी-एसटी कल्याण मंत्री रत्नेश सादा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ, स्वास्थ्य, पथ निर्माण सह आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत, पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह, सामान्य प्रशासन सह श्रम संसाधन विभाग के प्रधान सचिव डॉ. बी. राजेन्दर, वित्त विभाग के प्रधान सचिव अरविंद कुमार चौधरी, पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के प्रधान सचिव पंकज कुमार, ऊर्जा सह लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के प्रधान सचिव संजीव हंस, विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के सचिव दिवेश सेहरा मौजूद रहे।
जनसंवाद कार्यक्रम के तहत जिला पदाधिकारियों द्वारा जनता के साथ संवाद कर सरकार की उपलब्धियों एवं विभिन्न विकासात्मक कल्याणकारी योजनाओं के संबंध में उनके सुझाव एवं फीडबैक के आधार पर समीक्षा की गई है। इसमें आम जनता द्वारा बढ़े हुए विद्युत विपत्र, लो वोल्टेज की समस्या, अनियमित विद्युत आपूर्ति की समस्या आदि बिंदु मुख्य रूप से सामने आए हैं।
– आमिर सुबहानी, मुख्य सचिव
कैंप लगाकर हो रहा समाधान
ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव संजीव हंस ने बताया कि जिलाधिकारियों द्वारा विद्युत से संबंधित जो शिकायतें-सुझाव आए हैं उन पर मुख्य रूप से विभिन्न सरकारी संस्थानों में विद्युत आपूर्ति की उपलब्धता और उसकी गुणवत्ता को लेकर है। साथ ही विद्युत विपत्र त्रुटिपूर्ण होने से भी संबंधित है।
इसके लिए डेडीकेटेड फीडर-ट्रांसफॉर्मर की व्यवस्था की जा रही है। गुणवत्तापूर्ण विपत्रीकरण के लिए कार्य किए जा रहे हैं। अब 72 प्रतिशत उपभोक्ता विद्युत विपत्र का भुगतान कर रहे हैं। प्रत्येक माह के दूसरे शनिवार को कैंप लगाकर विद्युत विपत्र में त्रुटि का समाधान किया जाता है।