वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि दलितों एवं पिछड़ों के लिए आरक्षण सीमा बढ़ाए जाने पर केन्द्र व भाजपा दुविधापूर्ण स्थिति में है।
विधानमंडल में भाजपा इसका समर्थन करती है। दूसरी तरफ, भाजपा के वरिष्ठ नेता घोषित करते हैं कि इसे न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है।
अगले ही दिन पटना उच्च न्यायालय में इन कानूनों को चुनौती दी जाती है।
कहीं न कहीं, इन दोनों में आपसी जुड़ाव झलकता है।
मंत्री ने कहा कि इसी संदर्भ में इन कानूनों को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए केन्द्र से अनुरोध किया गया है।
बिहार सरकार के इस अनुरोध पर केन्द्र व भाजपा दोनों मौन हैं।
दलितों एवं पिछड़ों को न्याय दिलाने वाले श्री चौधरी ने कहा कि केन्द्र सरकार और भाजपा को स्पष्ट रूप से बताना चाहिए कि वे इन कानूनों को नौवीं अनुसूची में शामिल करना चाहते हैं या नहीं।
क्योंकि इसी से उनकी असली नीयत का पता चलेगा।