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केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) में वंशवाद और परिवारवाद को लेकर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने सोमवार को एक प्रेस बयान जारी कर राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर लालू प्रसाद यादव के एक बार फिर से नामांकन को लोकतंत्र का अपमान और कार्यकर्ताओं की हकमारी बताया। राय ने कहा कि राजद में लोकतांत्रिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि केवल एक परिवार की सत्ता चलती है।

परिवारवाद

“राजद में किसी और की दावेदारी की हिम्मत नहीं”

नित्यानंद राय ने कहा कि राजद की स्थापना को 28 वर्ष हो चुके हैं, लेकिन आज तक एक ही व्यक्ति – लालू प्रसाद यादव – पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने हुए हैं। यह साफ दिखाता है कि राजद एक राजनीतिक दल नहीं, बल्कि एक परिवार की निजी कंपनी बन चुकी है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या राजद में कोई दलित, पिछड़ा, अतिपिछड़ा या अन्य समुदाय का नेता राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की सोच भी सकता है?

उन्होंने कहा, “यह पार्टी नहीं, परिवार की कंपनी है। यहां पद किसी की योग्यता, सेवा या संघर्ष के आधार पर नहीं, बल्कि वंश के आधार पर तय होता है। ऐसे दल में आम कार्यकर्ताओं की कोई अहमियत नहीं है।”

“लालू परिवार ने किया युवाओं और गरीबों का शोषण”

गृह राज्य मंत्री ने आरोप लगाया कि राजद और लालू परिवार ने दशकों तक बिहार के गरीबों, नौजवानों और पिछड़े वर्गों का केवल शोषण किया है। उन्होंने कहा कि सत्ता में रहते हुए राजद ने भ्रष्टाचार को ही मुख्य नीति बना लिया था। आज भी पार्टी की नीतियां और नेतृत्व का आधार भ्रष्टाचार, तानाशाही और परिवारवाद है।

नित्यानंद राय ने कहा कि जिस प्रकार आज फिर से बिना किसी भीतरी चुनाव या लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लालू प्रसाद ने अध्यक्ष पद का नामांकन भरा, उससे साबित हो गया कि पार्टी में कार्यकर्ताओं की कोई भूमिका नहीं रह गई है। केवल परिवार के लोग ही सत्ता के केंद्र में हैं।

“राजद का पतन तय”

अपने बयान में उन्होंने यह भी कहा कि बिहार की जनता अब जाग चुकी है और परिवारवाद की राजनीति को नकार रही है। उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले विधानसभा चुनावों में राजद का पतन तय है। जनता अब योग्यता, ईमानदारी और विकास की राजनीति चाहती है, न कि जाति, वंश और भ्रष्टाचार की।

उन्होंने राजद के कार्यकर्ताओं से भी अपील की कि वे इस परिवारवाद के खिलाफ खड़े हों और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करें। उन्होंने कहा, “यह समय आत्मचिंतन का है। जिन कार्यकर्ताओं ने वर्षों तक पार्टी के लिए संघर्ष किया, उन्हें अब अपने भविष्य पर विचार करना चाहिए।”

“प्रधानमंत्री मोदी का नेतृत्व देश के लिए आशा की किरण”

बयान के अंत में नित्यानंद राय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में देश और बिहार ने अभूतपूर्व प्रगति की है। उन्होंने कहा कि भाजपा का लक्ष्य सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास है, जबकि राजद का लक्ष्य केवल एक परिवार का उत्थान है।

नित्यानंद राय का यह बयान ऐसे समय आया है जब लालू प्रसाद यादव ने एक बार फिर राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर नामांकन दाखिल किया है और उनके निर्विरोध चुने जाने की संभावना जताई जा रही है। यह बयान बिहार की सियासत में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले वंशवाद बनाम लोकतंत्र की बहस को और तेज कर सकता है।

 

 

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