कटिहार-बरौनी रेलखंड पर शुक्रवार को एक बड़ा रेल हादसा हो गया, जिसमें दिल्ली से गुवाहाटी जा रही 15910 डाउन अवध असम एक्सप्रेस की सीधी टक्कर रेलवे ट्रॉली से हो गई। यह दुर्घटना कटिहार जिले के काढ़ागोला और सेमापुर रेलवे स्टेशनों के बीच महारानी गंज के पास दोपहर करीब 12:45 बजे हुई। इस हादसे में रेलवे ट्रॉली पर सवार एक ट्रॉलीमैन की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि अन्य तीन कर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को त्वरित रूप से इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

हादसा कैसे हुआ
प्राप्त जानकारी के अनुसार, सोनपुर रेल मंडल के अंतर्गत आने वाले इस रेलखंड पर कुरसेला के आइओडब्ल्यू (इंस्पेक्टर ऑफ वर्क्स) धनंजय कुमार अपने चार अन्य साथियों के साथ रेलवे मोटर ट्रॉली पर सवार होकर किसी कार्य से निकले थे। यह ट्रॉली बिना किसी पूर्व सूचना या अनुमति के उसी ट्रैक पर चल रही थी, जिस पर अवध असम एक्सप्रेस कटिहार की ओर तेजी से बढ़ रही थी। जैसे ही ट्रेन महारानी गंज के निकट पहुंची, ट्रॉली पर मौजूद रेलवे कर्मियों को संभलने का मौका तक नहीं मिला और ट्रेन ने सीधी टक्कर मार दी।
टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि ट्रॉली के परखच्चे उड़ गए और उस पर सवार पांचों रेलकर्मी दूर जा गिरे। घटनास्थल पर ही एक ट्रॉलीमैन प्रमोद यादव की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य को गंभीर चोटें आईं। एक अन्य कर्मचारी को भी हल्की चोटें लगी हैं। मृतक प्रमोद यादव की पहचान सोनपुर रेल मंडल के अधीन कार्यरत ट्रॉली मैन के रूप में हुई है।
प्रशासनिक प्रतिक्रिया
घटना की पुष्टि कटिहार रेल मंडल के अपर मंडल रेल प्रबंधक (एडीआरएम) मनोज कुमार सिंह ने की। उन्होंने बताया कि जैसे ही दुर्घटना की सूचना मिली, कटिहार से एक मेडिकल टीम को तुरंत घटनास्थल की ओर रवाना किया गया। मौके पर रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी और राहत व बचाव दल पहुंच गए हैं। प्राथमिक उपचार के बाद घायलों को बेहतर इलाज के लिए रेफर किया गया है।
चूक या लापरवाही?
प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि ट्रॉली से संबंधित कोई सूचना कंट्रोल रूम को नहीं दी गई थी, जिसके चलते ट्रैक पर ट्रॉली की मौजूदगी का पता न चल सका और यह हादसा हो गया। ट्रैक पर किसी भी तरह की ट्रॉली या अन्य गतिविधियों को लेकर रेलवे में सख्त दिशा-निर्देश होते हैं, परंतु इस मामले में नियमों की अनदेखी की गई लगती है।
रेलवे विभाग इस हादसे को गंभीरता से ले रहा है और इसके कारणों की विस्तृत जांच के आदेश दे दिए गए हैं। रेलवे बोर्ड के निर्देशानुसार, हादसे की जांच के लिए उच्च स्तरीय टीम गठित की जा रही है, जो यह पता लगाएगी कि किन कारणों से यह चूक हुई और जिम्मेदार कौन है।
यात्रियों में मचा हड़कंप
हादसे के बाद अवध असम एक्सप्रेस ट्रेन कुछ समय के लिए मौके पर रुकी रही। ट्रेन में सवार यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई। हालांकि ट्रेन की गति अधिक होने के बावजूद इसमें सवार यात्रियों को कोई चोट नहीं आई और किसी प्रकार की क्षति की सूचना नहीं है। दुर्घटना के बाद रेल परिचालन भी कुछ समय के लिए बाधित रहा, लेकिन बाद में लाइन को क्लियर कर दिया गया।
सवालों के घेरे में रेल सुरक्षा
इस घटना ने एक बार फिर रेल सुरक्षा मानकों और कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बिना अनुमति के ट्रैक पर ट्रॉली का चलना, ट्रेनों के मूवमेंट की जानकारी की कमी, और सुरक्षा निर्देशों की अनदेखी जैसे मुद्दे फिर से बहस के केंद्र में आ गए हैं।
रेल प्रशासन से लेकर केंद्र सरकार तक इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई की मांग की जा रही है। रेल विभाग के सूत्रों के अनुसार, संबंधित अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है और दोषी पाए जाने वालों पर निलंबन या अन्य अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है।
निष्कर्ष
कटिहार-बरौनी रेलखंड पर हुई यह दर्दनाक दुर्घटना एक बड़ी चेतावनी है, जो यह दर्शाती है कि रेल प्रशासन और कर्मचारियों को अपने कार्यों में अत्यधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है। एक छोटी सी चूक ने एक जिंदगी छीन ली और तीन अन्य को गंभीर अवस्था में पहुंचा दिया। यह हादसा न केवल रेल कर्मचारियों के लिए, बल्कि रेलवे विभाग के लिए भी आत्मनिरीक्षण का विषय है।
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