प्रेमप्रेम


नवगछिया, भवानीपुर थाना क्षेत्र के मथुरापुर बाजार और बलहा गांव के बीच एक प्रेम-प्रसंग ने क्षेत्र में काफी हलचल मचा दी है। यह मामला अब केवल एक व्यक्तिगत प्रेम कहानी न होकर सामाजिक और कानूनी बहस का विषय बन चुका है। बलहा गांव निवासी 18 वर्षीय गुरुदेव कुमार और मथुरापुर स्थित एक स्कूल की नाबालिग छात्रा के बीच पिछले एक वर्ष से प्रेम संबंध था। दोनों की मुलाकात स्कूल और बाजार के माध्यम से होती रही और धीरे-धीरे यह रिश्ता गहरा होता चला गया।

प्रेम
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स्थानीय सूत्रों के अनुसार, चार दिन पहले गुरुदेव अपनी प्रेमिका को अपने घर ले गया था। जब यह जानकारी गांव के कुछ लोगों को मिली तो उन्होंने लड़की के परिजनों को इस बारे में सूचित किया। लड़की के परिवार ने तुरंत भवानीपुर थाना में शिकायत दर्ज कराई। उनके द्वारा युवक पर नाबालिग के अपहरण और शादी के लिए दबाव डालने का आरोप लगाया गया।

शिकायत के बाद पुलिस की सक्रियता बढ़ गई और गांव में चर्चा का माहौल बन गया। इस बीच बीती रात गुरुदेव किसी काम से मथुरापुर स्थित अपनी प्रेमिका के गांव गया हुआ था। वहां ग्रामीणों ने उसे देख लिया और पकड़कर एक स्थान पर रोक दिया। मामला तूल पकड़ता इससे पहले स्थानीय बुद्धिजीवी और समाजसेवी सामने आए और उन्होंने स्थिति को सुलझाने की कोशिश शुरू कर दी।

गांव के प्रमुख व्यक्तियों की पहल पर दोनों पक्षों के परिजनों को बुलाया गया और मध्यस्थता की गई। कई घंटों की बातचीत और सामाजिक समझौते के बाद अंततः रात लगभग 1 बजे मथुरापुर बाजार स्थित बजरंगबली मंदिर में गुरुदेव और नाबालिग प्रेमिका की शादी करवा दी गई। इस शादी में दोनों परिवारों के सदस्य, गांव के वरिष्ठ नागरिक और बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।

हालांकि शुरुआत में लड़के के परिजन शादी के लिए राजी नहीं थे। लेकिन ग्रामीणों के दबाव और समझाइश के बाद वे मान गए और विवाह संपन्न हुआ। शादी के बाद गुरुदेव ने मीडिया से बातचीत में कहा, “मैंने अपनी मर्जी से शादी की है। अगर लड़की को कोई भी हानि होती है तो मैं जिम्मेदार नहीं रहूंगा। मैं उसे जीवन भर साथ रखने के लिए तैयार हूं।” वहीं लड़की ने भी कहा कि उसने अपनी इच्छा से यह शादी की है और अब वह अपने पति के साथ रहना चाहती है।

हालांकि मामला यहीं समाप्त नहीं होता। लड़की अभी नाबालिग है और भारतीय कानून के अनुसार नाबालिग से विवाह करना अपराध की श्रेणी में आता है। इस वजह से यह मामला कानूनी दृष्टिकोण से भी संवेदनशील बन गया है। पुलिस ने इस विवाह और शिकायत की जांच शुरू कर दी है। सूत्रों के अनुसार पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि लड़की की उम्र कितनी है, क्या उसे बहला-फुसलाकर ले जाया गया था या वह अपनी मर्जी से गई थी।

**कानूनी पहलू भी बनेगा जांच का हिस्सा**

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि लड़की की उम्र 18 वर्ष से कम है तो यह विवाह बाल विवाह अधिनियम 2006 के तहत अवैध माना जाएगा, भले ही वह अपनी मर्जी से हुआ हो। ऐसे मामलों में कानून कठोर है और आरोपी युवक पर पोक्सो एक्ट जैसी धाराएं भी लग सकती हैं। हालांकि सामाजिक समझौते और ग्रामीणों की पहल के कारण इस मामले ने एक अलग मोड़ ले लिया है, लेकिन पुलिस की कार्रवाई अब पूरी तरह से कानूनी आधार पर तय होगी।

**ग्रामीणों में मिली-जुली प्रतिक्रिया**

इस पूरे घटनाक्रम को लेकर ग्रामीणों की प्रतिक्रियाएं मिली-जुली रही हैं। कुछ लोगों का मानना है कि समाज की मर्यादा को बनाए रखने के लिए विवाह उचित कदम था, वहीं कुछ लोगों ने बाल विवाह को गलत करार दिया और कानून के पालन की वकालत की। गांव के एक बुजुर्ग ने कहा, “समाज में ऐसे मामलों को सुलझाने का यही तरीका है कि दोनों परिवार आपसी सहमति से फैसला लें, लेकिन यह भी जरूरी है कि कानून का उल्लंघन न हो।”

फिलहाल पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और आने वाले दिनों में यह स्पष्ट हो पाएगा कि यह प्रेम कहानी एक कानूनी लड़ाई में तब्दील होती है या सामाजिक सहमति के आधार पर शांत हो जाती है। लेकिन एक बात तय है कि मथुरापुर और बलहा गांव के लोग इस घटना को जल्द नहीं भूलने वाले।

 

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By admin

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