मुजफ्फरपुर (बिहार):
बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में साइबर अपराध के खिलाफ एक बड़ी सफलता मिली है। राजेपुर ओपी क्षेत्र के मीनापुर गांव में पुलिस ने एक बड़े साइबर ठगी गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस गिरोह के खिलाफ मिली गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने छापेमारी की और मौके से भारी मात्रा में नकदी, नोट गिनने की मशीन, मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स और बैंकिंग दस्तावेज बरामद किए। छापेमारी के दौरान एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है, जबकि अन्य सदस्य फरार हैं।
फेक ट्रेडिंग और ऑनलाइन गेमिंग से ठगी का खेल
ग्रामीण एसपी विद्यासागर के अनुसार, पुलिस को सूचना मिली थी कि मीनापुर गांव के नगीना भगत के मकान में कुछ लोग फेक ट्रेडिंग और ऑनलाइन गेमिंग साइट्स के माध्यम से भोले-भाले लोगों से ठगी कर रहे हैं। सूचना की पुष्टि होने पर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) के अनुश्रवण में और सरैया अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया। इस टीम ने तत्परता दिखाते हुए मौके पर छापेमारी की।
गिरफ्तारी और बरामदगी
पुलिस ने विकास कुमार नामक युवक को गिरफ्तार किया है, जो अपने सगे भाई के साथ मिलकर इस साइबर ठगी नेटवर्क का संचालन कर रहा था। छापेमारी में जो सामान बरामद हुए, वे इस बात की पुष्टि करते हैं कि यह एक संगठित और हाई-टेक ठगी गिरोह था।
बरामद सामानों में शामिल हैं:
- ₹15,88,139 नगद राशि
- 1 लैपटॉप, 1 आईपैड, 1 मॉनिटर, 1 पेन ड्राइव
- 6 मोबाइल फोन, 1 मोटरसाइकिल
- 1 नोट गिनने की मशीन, 1 वाई-फाई डिवाइस, 1 वाई-फाई राउटर
- 13 ATM कार्ड, 8 पासबुक, 3 चेकबुक
- 1 कैश चेस्ट मशीन (लॉकर)
अन्य राज्यों से जुड़े साइबर अपराध
पुलिस द्वारा जब्त किए गए मोबाइल नंबरों और बैंक खातों की जांच में पता चला है कि इनका इस्तेमाल अन्य राज्यों में हुई साइबर ठगी घटनाओं में भी किया गया है। अब अन्य राज्यों की पुलिस के साथ समन्वय बनाकर मामले की गहराई से जांच की जा रही है। इसके लिए गिरफ्तार आरोपी का रिमांड लेने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
न्यायालय से मांगी गई अनुमति
बरामद कैश चेस्ट मशीन (लॉकर) को खोलने के लिए पुलिस ने न्यायालय से अनुमति मांगी है। वहीं आरोपी विकास कुमार के आपराधिक इतिहास की भी गहराई से जांच की जा रही है ताकि इस गिरोह के नेटवर्क और अन्य सहयोगियों का पता लगाया जा सके।
एसपी ने दी जानकारी
ग्रामीण एसपी विद्यासागर ने बताया,
“यह एक बड़ा संगठित गिरोह है जो फर्जी ट्रेडिंग और गेमिंग के नाम पर लोगों से लाखों रुपये की ठगी कर रहा था। बरामद दस्तावेजों और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ किया जाएगा। अन्य फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है।”
निष्कर्ष रूप में, मुजफ्फरपुर पुलिस की यह कार्रवाई न सिर्फ जिले के लिए बल्कि पूरे राज्य में साइबर अपराधियों के लिए एक कड़ा संदेश है। डिजिटल दुनिया में ठगी करने वाले ऐसे नेटवर्क को खत्म करने के लिए पुलिस सतर्क है और आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।
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