पटना। जैसे-जैसे बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं, राज्य में राजनीतिक हलचलें तेज हो रही हैं। महागठबंधन की प्रमुख पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव द्वारा 12 जून को सहयोगी दलों के साथ की गई बैठक के बाद अब कांग्रेस भी चुनावी मोर्चे पर सक्रिय हो गई है। इसी कड़ी में कांग्रेस पार्टी ने 15 जून को पटना के होटल मौर्य में विधायकों की एक बड़ी बैठक बुलाई है। इस बैठक को आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है।

बैठक में उठेंगे कई अहम मुद्दे
कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर ने बताया कि यह बैठक मुख्य रूप से आगामी चुनाव, पार्टी की रणनीति, सीट बंटवारे और मौजूदा कार्यक्रमों की समीक्षा के लिए आयोजित की जा रही है। बैठक में बिहार कांग्रेस प्रभारी कृष्ण अल्लावरु, वरिष्ठ नेता और सभी कांग्रेस विधायक शामिल होंगे।
राजेश राठौर के अनुसार, “विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा होगी। बैठक पटना में होगी। होटल मौर्य में यह बैठक होगी। कांग्रेस बिहार प्रभारी कृष्ण अल्लावरु सहित वरिष्ठ नेता भी मीटिंग में मौजूद रहेंगे।”
राहुल गांधी के दौरे और “माई-बहिन योजना” पर रहेगा फोकस
बिहार कांग्रेस इन दिनों “माई-बहिन योजना” को लेकर राज्य में सक्रिय है। यह योजना महिलाओं के उत्थान और आर्थिक सशक्तिकरण से जुड़ी है। बताया जा रहा है कि राहुल गांधी खुद इस योजना को लेकर गंभीर हैं और पार्टी नेताओं को इसके प्रचार-प्रसार की जिम्मेदारी भी दी जा चुकी है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, बैठक में विधायकों को महिलाओं का रजिस्ट्रेशन बढ़ाने, युवा वर्ग को जोड़ने, और राहुल गांधी के दौरों को फॉलोअप करने के लिए अलग-अलग टास्क भी दिए जाएंगे।
सीट बंटवारे पर बनेगी रणनीति, घट सकती है सीटें
2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को महागठबंधन में 70 सीटें मिली थीं, जिनमें से पार्टी सिर्फ 19 सीटें ही जीत सकी थी। इसके बावजूद कांग्रेस इस बार भी 70 सीटें मांग रही है। जबकि महागठबंधन में इस बार 6 दल शामिल हैं, जिनमें वीआईपी पार्टी भी है। ऐसे में राजद और वामपंथी दल कांग्रेस को कम सीट देने की वकालत कर रहे हैं।
सूत्रों की मानें तो राजद भी कांग्रेस को कम सीट देना चाहती है, लेकिन कांग्रेस नेतृत्व इसके लिए तैयार नहीं है। राहुल गांधी द्वारा लगातार बिहार में दौरे और सक्रियता दिखाने से साफ है कि कांग्रेस इस बार राज्य की राजनीति में एक मजबूत भूमिका निभाने के इरादे से मैदान में उतरी है।
विधायकों से लिया जाएगा फीडबैक
बैठक में कांग्रेस विधायक दल से उनके निर्वाचन क्षेत्रों में पार्टी की स्थिति, जनता का मूड, वर्तमान कार्यक्रमों की स्वीकार्यता और संगठन की मजबूती पर फीडबैक लिया जाएगा। साथ ही उनसे यह भी पूछा जाएगा कि किन मुद्दों को लेकर कांग्रेस को आगे की रणनीति बनानी चाहिए।
कांग्रेस नेतृत्व की मंशा है कि इस बार चुनावी अभियान पूरी तैयारी और ज़मीनी स्तर के इनपुट्स के आधार पर चलाया जाए।
12 जून को तेजस्वी ने बुलाई थी महागठबंधन की बैठक
गौरतलब है कि 12 जून को महागठबंधन की एक अहम बैठक हुई थी, जिसमें तेजस्वी यादव ने सभी सहयोगी दलों से उनके संभावित उम्मीदवारों की लिस्ट मांगी थी। साथ ही सीट बंटवारे, साझा घोषणापत्र और अभियान की रूपरेखा पर चर्चा हुई थी।
कांग्रेस की अब होने वाली 15 जून की बैठक को इसी कड़ी में देखा जा रहा है, जिसमें पार्टी यह तय करेगी कि किस मुद्दे पर कितनी ताकत झोंकनी है और महागठबंधन में उसकी भूमिका क्या होगी।
निष्कर्ष
बिहार विधानसभा चुनाव की आहट के साथ ही राजनीतिक दलों की गतिविधियां तेज हो गई हैं। महागठबंधन की सबसे पुरानी सहयोगी कांग्रेस इस बार किसी भी कीमत पर पीछे हटने के मूड में नहीं है। 15 जून की बैठक से कांग्रेस की रणनीति और रुख का संकेत मिलेगा कि वह इस बार चुनाव को कितनी गंभीरता से ले रही है।
अब देखना यह होगा कि सीट बंटवारे पर महागठबंधन में सहमति बनती है या फिर अंदरुनी खींचतान आने वाले समय में कोई नई राजनीतिक तस्वीर पेश करती है।
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