बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को राज्य कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक सम्पन्न हुई, जिसमें कुल 22 एजेंडों को स्वीकृति दी गई. इस बैठक में राज्य के प्रशासनिक, स्वास्थ्य, खेल, समाज कल्याण, नगर निकाय समेत कई अहम विभागों से जुड़े फैसले लिए गए. सबसे खास बात यह रही कि महिला सरकारी कर्मचारियों को अब उनके कार्यस्थल के पास ही सरकारी क्वार्टर उपलब्ध कराने का फैसला लिया गया है, जिससे उन्हें आवासीय असुविधाओं से राहत मिलेगी
महिला कर्मियों को मिलेगा आवास
बैठक में निर्णय लिया गया कि राज्य सरकार की महिला सरकारी कर्मचारियों को प्राथमिकता के आधार पर उनके पदस्थापन स्थल के निकट आवास (क्वार्टर) उपलब्ध कराए जाएंगे. यह कदम महिलाओं की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखकर उठाया गया है. इससे कामकाजी महिलाओं को जहां सुरक्षा का एहसास होगा वहीं, पारिवारिक जीवन भी संतुलित रहेगा.
खेल विभाग की नई नियमावलियों को मंजूरी
कैबिनेट ने बिहार खेल लिपिकीय संवर्ग, अधीनस्थ खेल संवर्ग और खेल सेवा संवर्ग की भर्ती एवं सेवा शर्तों से संबंधित नियमावली 2025 को स्वीकृति दे दी है. इससे राज्य में खेलकूद से जुड़े कर्मचारियों की भर्ती और उनकी सेवाओं की प्रक्रिया ज्यादा पारदर्शी और सुव्यवस्थित होगी.
जनजातीय परिवारों के लिए आवास योजना
बैठक में प्रधानमंत्री जनजातीय न्याय महाअभियान “पीएम जनमन” के तहत विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (PVTG) जैसे असुर, बिरहोर, बिरजिया, हिलखरिया, कोरवा, मालपहाड़िया, परहईया, सौरि पहाड़िया एवं सावर समुदायों के पात्र परिवारों को प्राथमिकता के आधार पर प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ देने का फैसला किया गया.
इन परिवारों को ₹2 लाख की सहायता राशि चार समान किश्तों में दी जाएगी, जो सीधे उनके बैंक खातों में हस्तांतरित की जाएगी. इससे राज्य के दूरस्थ और वंचित जनजातीय समुदायों को आवास की दिशा में राहत मिलेगी.
स्पोर्ट्स इंजरी यूनिट के लिए 36 पदों का सृजन
राज्य के खिलाड़ियों को खेल के दौरान होने वाली चोटों का तत्काल और विशेषज्ञ इलाज मिल सके, इसके लिए पटना के लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल, राजवंशी नगर में 20 शैय्या वाला स्पोर्ट्स इंजरी यूनिट स्थापित किया जाएगा. इसके लिए 36 नए पदों का सृजन भी किया गया है. इससे राज्य में खेल चिकित्सा सुविधाओं को मजबूती मिलेगी और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को फायदा होगा.
लापरवाह डॉक्टरों पर बड़ी कार्रवाई
स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने वाले कई डॉक्टरों पर कार्रवाई करते हुए सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है. इनमें प्रमुख रूप से खगड़िया सदर अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. आशीष कुमार को सेवा से हटाया गया है.
इसके साथ ही जिन अन्य डॉक्टरों को बर्खास्त किया गया है, वे हैं:
डॉ. मोहम्मद फिरदौस आलम – महेश कुंड, खगड़िया
डॉ. जागृति सोनम – खगड़िया सदर अस्पताल
डॉ. अनामिका कुमारी – लखीसराय सदर अस्पताल
डॉ. अनुपम कुमारी – बड़हिया रेफरल अस्पताल, लखीसराय
डॉ. अनुपम कुमार – बरौनी CHC, बेगूसराय
डॉ. अभिनव कुमार – हलसी PHC, लखीसराय
इन सभी को बिना अनुमति ड्यूटी से गायब रहने के कारण सेवा से हटाया गया है.
नई रजिस्ट्रीकरण नियमावली लागू
कैबिनेट ने बिहार जन्म एवं मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियमावली 1999 में संशोधन करते हुए अब बिहार जन्म एवं मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियमावली 2025 को मंजूरी दे दी है. इससे रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को अधिक आधुनिक और सरल बनाया जाएगा.
अन्य अहम फैसले
गव्य संवर्ग भर्ती नियमावली 2025 को स्वीकृति मिली.
बाल विकास लिपिकीय संवर्ग संशोधन नियमावली 2025 को मंजूरी दी गई.
बिहार नगर पालिका क्षेत्र विज्ञापन नियमावली 2025 को भी स्वीकृति दे दी गई.
निष्कर्ष
नीतीश सरकार की इस कैबिनेट बैठक को जनहित में बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. जहां एक ओर महिलाओं और आदिवासी परिवारों को राहत दी गई, वहीं दूसरी ओर गैर-जिम्मेदार डॉक्टरों पर सख्त कार्रवाई करके सरकार ने अनुशासन का संदेश भी दिया. खेल सुविधाओं को लेकर उठाया गया कदम राज्य के खिलाड़ियों के लिए नई राह खोल सकता है. आने वाले समय में इन फैसलों का व्यापक प्रभाव राज्य के प्रशासनिक और सामाजिक ढांचे पर दिखेगा.
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