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**पटना, बिहार:**
राजधानी पटना से सटे धनरूआ थाना क्षेत्र के **सेवती गांव** में रविवार को जमीन विवाद ने खतरनाक मोड़ ले लिया, जब **दो पक्षों के बीच पंचायती के दौरान मारपीट और गोलीबारी** हो गई। घटना में **तीन लोग गोली लगने से गंभीर रूप से घायल** हो गए हैं, जिनमें एक **सब-इंस्पेक्टर मनोज सिंह**, उनका बेटा **सावन कुमार** और एक अन्य युवक **रोहित कुमार** शामिल हैं।

पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए **त्वरित कार्रवाई करते हुए कई संदिग्धों को हिरासत में** लिया है और मामले की **जांच के साथ-साथ फरार आरोपियों की तलाश** भी शुरू कर दी है।



### **कैसे शुरू हुआ विवाद?**

पूरा मामला **सेवती गांव की 9 बीघा जमीन** से जुड़ा है, जिस पर **बीते दो वर्षों से दो पक्षों में विवाद** चल रहा है। यह जमीन 1939 के रिकॉर्ड के अनुसार **तेत्री निवासी बिंदेश्वरी चंद्रवंशी** के नाम से खतियान में दर्ज है। बताया जाता है कि लगभग **चार साल पहले उक्त जमीन का एग्रीमेंट** किसी व्यक्ति के साथ किया गया था, लेकिन **बाद में उसी जमीन का दोबारा अन्य लोगों से भी एग्रीमेंट** किया गया।

इसी विवाद के बीच तीन दिन पहले एक पक्ष द्वारा जमीन की **जुताई** की गई, जिससे दूसरा पक्ष भड़क गया और **विवाद तेज हो गया**। मामले को सुलझाने के लिए **रविवार को दोनों पक्षों ने पंचायत** बैठाने का निर्णय लिया था।

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### **पंचायत बनी जंग का मैदान**

रविवार को गांव में **स्थानीय लोगों और दोनों पक्षों की उपस्थिति में पंचायत** शुरू हुई थी। शुरूआत में **बातचीत शांतिपूर्वक** चल रही थी, लेकिन अचानक माहौल गर्मा गया। **तीखी बहस, आरोप-प्रत्यारोप और गाली-गलौज** शुरू हो गई। कुछ ही मिनटों में **दोनों तरफ से रोड़ेबाजी** शुरू हो गई।

स्थिति इतनी बेकाबू हो गई कि **10 से 12 राउंड तक फायरिंग** की गई। गोलीबारी की इस घटना से गांव में **अफरा-तफरी** मच गई। लोग जान बचाकर इधर-उधर भागने लगे।



### **तीन लोगों को गोली लगी, हालत गंभीर**

इस फायरिंग में तीन लोगों को गोली लगी। घायलों की पहचान:

* **सब-इंस्पेक्टर मनोज सिंह** – जिन्हें **पैर में गोली** लगी।
* **सावन कुमार** – मनोज सिंह का **बेटा**, जिसे **तीन गोलियां** लगीं, जिनमें एक **सिर में** और एक **पेट में** लगी है।
* **रोहित कुमार** – स्थानीय युवक, जिसे **पेट में गोली** लगी है।

तीनों को पहले **अनुमंडल अस्पताल, मसौढ़ी** में भर्ती कराया गया, जहां से उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद **पटना स्थित पीएमसीएच (PMCH)** रेफर किया गया। चिकित्सकों के अनुसार, घायलों की स्थिति गंभीर है लेकिन **उन्हें समय पर चिकित्सा मिलने के कारण खतरे से बाहर** बताया जा रहा है।



### **फायरिंग के बाद पुलिस ने संभाला मोर्चा**

घटना की जानकारी मिलते ही **धनरूआ थाना प्रभारी शुभेंदु कुमार** के नेतृत्व में भारी संख्या में पुलिस बल गांव पहुंचा। हालात को नियंत्रित करने के बाद **पुलिस ने घटनास्थल से चार लोगों को हिरासत** में लिया है, जिनकी पहचान **अरविंद उर्फ लोहा सिंह, विजय सिंह, दीपक कुमार और चिंटू कुमार** के रूप में हुई है।

इन सभी से **पूछताछ जारी** है और इनकी भूमिका गोलीबारी में कितनी गहरी है, इसकी जांच की जा रही है।



### **मामला कोर्ट में विचाराधीन, फिर भी कब्जे की कोशिश**

पुलिस के अनुसार, उक्त जमीन विवाद का मामला **न्यायालय में पहले से चल रहा है।** कोर्ट ने एक पक्ष के दावे को **रद्द भी कर दिया** है, लेकिन वह पक्ष अब भी जमीन पर कब्जा करने का प्रयास कर रहा है। इसी को लेकर रविवार को **स्थानीय स्तर पर समझौते की कोशिश** की जा रही थी, लेकिन मामला **खून-खराबे में बदल गया।**



### **एसडीपीओ का बयान: अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी**

घटना को लेकर **मसौढ़ी के एसडीपीओ कन्हैया कुमार सिंह** ने बयान जारी कर कहा:

> “धनरूआ थानान्तर्गत ग्राम सेवती में ज़मीन विवाद को लेकर हो रहे एक पंचायती के दौरान 10-12 की संख्या में आए **अपराधियों ने गोलीबारी** की। घटना में तीन लोगों के घायल होने की सूचना मिली है। पुलिस ने घायलों को **तत्काल अस्पताल पहुंचाया** और घटना में संलिप्त \*\*अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू कर दी गई है।”

एसडीपीओ ने यह भी कहा कि फिलहाल स्थिति **नियंत्रण में** है और गांव में **फोर्स की तैनाती** की गई है ताकि कोई अन्य अप्रिय घटना न हो।



### **ग्रामीणों में भय का माहौल, प्रशासन से सुरक्षा की मांग**

घटना के बाद **सेवती गांव में दहशत का माहौल** है। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले कुछ समय से जमीन विवाद को लेकर **तनाव लगातार बना हुआ था**, लेकिन प्रशासन ने समय रहते ध्यान नहीं दिया, जिससे **यह घटना घटित हुई।**

स्थानीय लोगों ने प्रशासन से **गांव में स्थायी पुलिस कैंप की मांग** की है ताकि भविष्य में कोई ऐसी घटना न हो।



### **राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी आई सामने**

इस घटना ने राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचा दी है। विपक्षी दलों ने **राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन पर निशाना साधते हुए कहा** कि कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा चुकी है। वहीं सत्तारूढ़ दल के नेताओं ने कहा कि दोषियों के खिलाफ **कड़ी कार्रवाई होगी और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।**



### **निष्कर्ष: पंचायती की जगह चली गोलियां, सवालों के घेरे में प्रशासन**

जहां एक ओर पंचायतें गांवों में विवाद सुलझाने का माध्यम मानी जाती हैं, वहीं **सेवती गांव की पंचायत खूनी संघर्ष में बदल गई।** सवाल यह भी उठता है कि जब मामला कोर्ट में था, तो दोनों पक्षों को विवाद सुलझाने के लिए **कानूनी मार्ग** अपनाना चाहिए था।

फिलहाल, पुलिस **गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ कर रही है** और अन्य फरार अभियुक्तों की तलाश में **छापेमारी कर रही है**।

यह घटना **बिहार में भूमि विवाद से उपजे सामाजिक तनाव** की एक और मिसाल बन गई है, जहां मामूली विवाद भी जानलेवा बन जाता है। अब देखना यह होगा कि **प्रशासन इस मामले में कितनी निष्पक्ष और कठोर कार्रवाई** करता है और **पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने में कितनी तत्परता** दिखाता है।

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By admin

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