सहरसा-मधेपुरा मुख्य मार्ग पर गुरुवार को एक दिल दहला देने वाली सड़क दुर्घटना ने पूरे इलाके को शोक में डुबो दिया। यह हादसा सवेला चौक के पास हुआ, जिसमें 70 वर्षीय बुजुर्ग नंदलाल पंडित की जान चली गई। नंदलाल पंडित सहरसा जिले के बैजनाथपुर थाना क्षेत्र के सौर बाजार पंचायत अंतर्गत लक्ष्मीनिया वार्ड नंबर 2 के रहने वाले थे। वह अपने गांव और आसपास के इलाके में एक सम्मानित और बुजुर्ग व्यक्ति के रूप में जाने जाते थे।
गुरुवार की दोपहर करीब चार बजे नंदलाल पंडित रोज़ाना की तरह बाजार सब्जी खरीदने निकले थे। वे सवेला चौक के पास पैदल चल रहे थे, तभी अचानक एक तेज़ रफ्तार बाइक सवार ने उन्हें जबरदस्त टक्कर मार दी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बाइक सवार की गति काफी तेज थी और उसने किसी भी प्रकार की सावधानी नहीं बरती। टक्कर इतनी भीषण थी कि नंदलाल पंडित वहीं सड़क पर गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गए।
हादसे के बाद बाइक सवार बिना रुके मौके से फरार हो गया, जिससे लोगों में आक्रोश फैल गया। स्थानीय लोगों ने तत्काल नंदलाल पंडित को उठाकर इलाज के लिए लॉर्ड बुद्धा मेडिकल कॉलेज पहुंचाया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने उनकी हालत को गंभीर देखते हुए बेहतर इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर कर दिया।
परिजनों ने उन्हें तुरंत एक निजी क्लीनिक में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने इलाज शुरू किया। लेकिन उनकी हालत लगातार बिगड़ती चली गई और इलाज के दौरान ही रात करीब डेढ़ बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। उनकी मौत की खबर जैसे ही गांव में पहुंची, पूरे इलाके में मातम पसर गया।
नंदलाल पंडित अपने चार भाइयों में सबसे बड़े थे। उनके परिवार में चार बेटियां और एक बेटा है। वे एक शांत और सरल जीवन जीने वाले व्यक्ति थे और सामाजिक गतिविधियों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते थे। गांव के लोग उन्हें आदर और सम्मान की दृष्टि से देखते थे।
हादसे की सूचना मिलते ही बैजनाथपुर थाना अध्यक्ष अमर ज्योति अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने दुर्घटना स्थल की जांच की और मृतक के शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। पुलिस ने अज्ञात बाइक सवार के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और उसकी तलाश शुरू कर दी गई है।
थाना अध्यक्ष अमर ज्योति ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं ताकि आरोपी की पहचान हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि कानून के अनुसार दोषी को सख्त से सख्त सजा दिलाई जाएगी।
इस हादसे ने न केवल एक परिवार को अपूरणीय क्षति पहुंचाई है, बल्कि पूरे गांव और इलाके में शोक और चिंता की लहर दौड़ा दी है। लोगों में सड़क सुरक्षा और ट्रैफिक नियमों के प्रति बढ़ती लापरवाही को लेकर गहरी नाराजगी है। गांव के वरिष्ठ नागरिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्रशासन से मांग की है कि इस मार्ग पर यातायात को नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। विशेष रूप से बाजार क्षेत्र में स्पीड ब्रेकर और ट्रैफिक साइनबोर्ड लगाए जाएं ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं से बचा जा सके।
नंदलाल पंडित की अंतिम यात्रा शुक्रवार को सुबह उनके पैतृक गांव लक्ष्मीनिया वार्ड नंबर 2 से निकाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में गांववाले और रिश्तेदार शामिल हुए। पूरे गांव में शोक की लहर थी और हर आंख नम दिखाई दी। लोगों ने उन्हें नम आंखों से विदाई दी।
यह हादसा एक बार फिर सोचने पर मजबूर करता है कि सड़कों पर तेज़ रफ्तार और लापरवाही किस तरह जिंदगियों को निगल रही है। प्रशासन और आम जनता दोनों को मिलकर सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक होने की आवश्यकता है ताकि इस तरह के दर्दनाक हादसों को रोका जा सके।
सहरसा-मधेपुरा मुख्य मार्ग पर दर्दनाक सड़क हादसे में 70 वर्षीय बुजुर्ग की मौत, इलाके में शोक का माहौल
