प्यार कब, कहां और किससे हो जाए—ये कोई नहीं जानता। कुछ ऐसा ही मामला बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के नरकटियागंज प्रखंड के सिसई गांव में सामने आया है, जहां एक युवती को अपने ही घर में मजदूरी करने आए एक विवाहित पुरुष से प्यार हो गया। खास बात ये है कि वह पुरुष पहले से दो बच्चों का पिता था। इसके बावजूद युवती ने उससे बेपनाह मोहब्बत की और सात साल के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार दोनों ने भागकर शादी कर ली।

मामला रखही पंचायत के अंतर्गत आने वाले सिसई गांव का है। बताया जा रहा है कि सात साल पहले उक्त युवक मजदूरी करने के लिए युवती पुनीता कुमारी के घर गया था। तभी से दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ीं और यह रिश्ता प्यार में बदल गया। प्रेमी पहले से शादीशुदा और दो बच्चों का पिता था, फिर भी पुनीता ने अपने प्यार को नहीं छोड़ा। वह दो बार अपने प्रेमी के साथ भाग भी चुकी थी। लेकिन इस बार दोनों ने एक बड़ा कदम उठाया और शादी रचा ली।

शादी करने के बाद जब यह जोड़ा गांव लौटा तो पूरे गांव में चर्चा का माहौल बन गया। लोगों ने पंचायत बुलवाई। पंचायत में जब प्रेमिका ने अपनी शादी की बात खुलकर बताई तो पंचों ने दोनों पक्षों की सहमति से एक दस्तावेज तैयार करवाया और उस पर हस्ताक्षर कराए। पंचायत ने इस शादी को मान्यता दे दी, जिससे प्रेमी जोड़े को सामाजिक स्वीकृति मिल गई।

शादी के बाद युवक ने कहा, “मैं अपनी दोनों पत्नियों के साथ रहूंगा और दोनों की बराबर देखभाल करूंगा।” वहीं, युवक के पिता ने भी अपनी दूसरी बहू को स्वीकार कर लिया है। पुनीता ने साफ कहा, “मैं इन्हीं के साथ जीउंगी और मरूंगी। मैंने अपने दिल से प्यार किया है और अब शादी कर ली है।”

यह कहानी न केवल समाज की पारंपरिक सोच को चुनौती देती है बल्कि यह भी दिखाती है कि प्यार किसी भी बंधन को नहीं मानता। अब यह जोड़ा अपनी नई जिंदगी की शुरुआत कर चुका है और समाज भी इस रिश्ते को स्वीकार करने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है।

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