राज्य के तीन लाख से अधिक स्कूली बच्चे शिक्षकों की गलती का खामियाजा भुगतेंगे। उन्हें विभिन्न योजनाओं की राशि मिलने में संकट पैदा हो गया है। ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर स्कूलों की ओर से बच्चों का सही डाटा अपलोड नहीं किया गया है।
ये मामले साइकिल, पोशाक और छात्रवृत्ति योजनाओं की राशि वितरण के हैं। जिन बच्चों का ब्योरा पोर्टल पर गलत अंकित है, उनमें वह शामिल हैं, जिनकी हाजिरी 75 प्रतिशत से अधिक रही है। इन्हें राशि भुगतान की कार्रवाई चल रही है। शिक्षा विभाग द्वारा शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए 66 लाख बच्चों के खाते में राशि का भुगतान कर दिया गया है, जबकि एक करोड़ 15 लाख बच्चों की सूची राशि भुगतान के लिए तैयार की गयी है। छात्र-छात्राओं के नाम, माता का नाम, उम्र और बैंक खाता आदि गलत लिख दिये गये हैं। प्राथमिक कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों की उम्र 20-22 साल भी लिखी गईहै। पूर्व में दस लाख मामले पकड़ में आये थे। करीब सात लाख का ब्योरा अपडेट कर दिया गया है।