राज्य सरकार ने गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी. कृष्णैया की हत्या के आरोप में जेल में बंद पूर्व सांसद आनंद मोहन समेत 27 बंदियों को रिहा करने से संबंधित आदेश जारी कर दिया।

गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 20 अप्रैल को हुई राज्य दंडादेश परिहार पर्षद की बैठक में इन कैदियों को छोड़ने से संबंधित प्रस्ताव पर सहमति बनी। इसके बाद विधि विभाग ने सभी पहलुओं पर समीक्षा करने के बाद इसकी अनुमति देते हुए आदेश जारी कर दिया है।

यह आदेश विधि सचिव रमेश चंद्र मालवीय की तरफ से जारी किया गया है। इस सूची में आनंद मोहन 11वें नंबर पर हैं। वर्तमान में वे सहरसा मंडल कारा में बंद हैं।

अब इन्हें रिहा करने से संबंधित अंतिम प्रक्रिया जेल के स्तर पर शुरू हो गई है। जल्द ही सभी कैदी बाहर आ जाएंगे। सूचना के अनुसार, इसमें 15 से अधिक कैदी लोक सेवकों की हत्या के आरोप में सजा काट रहे हैं।

जबकि 20 वर्ष या आजीवन कैद की सजा काट रहे कुछ कैदी ऐसे भी हैं, जिन्हें हाईकोर्ट ने मामलों की सुनवाई करने के बाद रिहा करने का आदेश दिया है। ऐसे ये सभी वैसे कैदी हैं, जो 20 वर्ष से अधिक समय की सजा काट चुके हैं।

भागलपुर की जेलों से नौ बंदी होंगे रिहा

भागलपुर स्थित विशेष केंद्रीय कारा के सात और शहीद जुब्बा सहनी के दो बंदी रिहा होंगे। जेल जीवन में बेहतर आचरण वाले इन बंदियों को वास्तविक सजा का 14 साल पूरा कर लेने और छह साल के परिहार का लाभ जोड़ते हुए उसे 20 साल की सजा पूरी कर लेना मानते हुए रिहा कर रही है।

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