तकनीक के दौर में दशकों से धरती और ब्रह्मांड के बारे में रिसर्च लगातार जारी है. कई महत्वपूर्ण खोज और शोध के बाद भी वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसा बहुत कुछ है जिसका पता लगाना बाकी है. अपनी दुनिया के बारे में तो हम लोग भी बहुत कुछ जानते हैं. इस बीच वैज्ञानिकों को धीरे-धीरे एक ऐसी दुनिया पर भी यकीन हो रहा है जो हमारी दुनिया से बिल्कुल उलटी है.
यहां पर जिस उल्टी दुनिया की बात हो रही है, वहां का वक्त अपनी इस दुनिया से एकदम उल्टा चलता होगा. उदाहरण के लिए जैसे हम यहां टाइम देखते हैं या समय की गणना करते हैं तो वहां कुछ और टाइम होता होगा. इस रहस्यमयी और समांतर दुनिया को लेकर वैज्ञानिक लगातार शोध कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें धीरे-धीरे एंटी यूनिवर्स की थ्योरी पर यकीन हो रहा है. यानी वैज्ञानिक इस बात की संभावना से भी इनकार नहीं करते कि हमारी दुनिया की ही तरह एक ऐसी भी दुनिया है, जहां वक्त का पहिया उल्टा चलता है.
(सांकेतिक तस्वीर)
ये दुनिया हमारी धरती के पास ही हो सकती है. रिसर्च के मुताबिक ये दुनिया भौतिकी यानी फीजिक्स के नियमों के हिसाब से हमारी दुनिया से बिल्कुल उलट होगी.
(फोटो: नासा)
न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक एनल्स ऑफ फिजिक्स जर्नल में इस सिद्धांत की विस्तार से व्याख्या की गई है. इसके पीछे की थ्योरी उस सामान्य भौतिकी कॉन्सेप्ट पर आधारित है जिसे सीपीटी कहा जाता है.
वैज्ञानिक इस बात की संभावना से इनकार नहीं करते हैं कि हमारी दुनिया की ही तरह एक ऐसी दुनिया है, जहां फिजिक्स के नियम अलग हैं और वक्त उल्टा चलता है.
(सांकेतिक तस्वीर: नासा
वैज्ञानिकों का मानना है कि एंटी यूनिवर्स की थ्योरी फंडामेंटल सीमेट्रीज पर निर्भर है. इस थ्योरी पर काम करते हुए डार्क मैटर्स की व्याख्या की भी जा सकती है. शोधकर्ताओं का यह भी कहना है कि इस दुनिया में न्यूट्रॉन दायीं तरफ से घूमते होंगे. इस दुनिया की बात को साबित करने के लिए अब वैज्ञानिक मास न्यूट्रॉन्स की टेस्टिंग कर रहे हैं. वह अगर इस प्रोजेक्ट में भी कामयाब होते हैं तो इस दूसरी दुनिया की बात पूरी तरह सच साबित हो जाएगी. इस थ्योरी की सबसे खास बात यह है कि हमारी दुनिया की तरह इस समांतर दुनिया में गुरुत्वाकर्षण शक्ति नहीं पाई गई होगी, इसी वजह से वहां सब कुछ रिवर्स यानि उल्टे मोड में चल रहा है.