राजधानी पटना में शिक्षक नियोजन के लिए तिरंगा लेकर प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थी की बर्बर पिटाई करने वाले पटना के एडीएम के कारनामे की जांच के लिए बनायी गयी कमेटी ने रिपोर्ट दे दी है. सरकार ने एलान किया था कि इस घटना की जांच रिपोर्ट 2 दिनों के भीतर आयेगी. 12 दिनों के बाद रिपोर्ट आयी तो है लेकिन प्रशासनिक अमले में मामले को रफा-दफा किये जाने की चर्चा हो रही है.

बता दें कि 22 अगस्त को पटना में शिक्षक अभ्यर्थी नियुक्ति के लिए प्रदर्शन कर रहे थे. इसी दौरान एक युवक शिक्षक नियोजन शुरू करने की मांग को लेकर हाथ में तिरंगा लेकर सड़क पर बैठ गया था. उस युवक को पटना के एडीएम के.के. सिंह और पुलिसकर्मियों ने बर्बर तरीके से पीटा था. इसका वीडियो वायरल होने के बाद डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने एलान किया था कि मामले की जांच होगी और दोषियों पर कार्रवाई होगी.

रफा-दफा होगा मामला?

दरअसल तेजस्वी यादव की घोषणा के बाद पटना डीएम ने 22 अगस्त को ही जांच टीम बनाया था. इस जांच दल में पटना डीडीसी और सिटी एसपी शामिल थे. दोनों को दो दिनों के भीतर इस मामले की जांच कर रिपोर्ट देनी थी. जांच कमेटी ने दो दिनों में कोई रिपोर्ट नहीं सौंपी. जांच टीम ने कहा कि कोतवाली थाना प्रभारी डाकबंगला चौराहे के आसपास का सीसीटीवी फुटेज नही दे रहे हैं. ऐसे में जांच रिपोर्ट नहीं दी जा सकती है. इसके बाद कमेटी ने और  5 दिन का वक्त मांगा था.

आखिरकार जांच कमेटी की ने एडीएम मामले में अपनी रिपोर्ट बंद लिफाफे में पटना डीएम को सौंप दिया है. पटना डीएम चंद्रशेखर ने इस जांच रिपोर्ट को कार्रवाई के लिए सामान्य प्रशासन विभाग को भेजा है. लेकिन, सामान्य प्रशासन विभाग ने एडीएम के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई की कोई प्रक्रिया शुरू नहीं की है. लिहाजा चर्चा इस बात की हो रही है कि एडीएम के कारनामे को रफा-दफा करने की तैयारी कर ली गयी है. पटना डीएम या राज्य सरकार ये भी नहीं बता रही है कि आखिरकार जांच रिपोर्ट में क्या तथ्य पाया गया है.

प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक एडीएम के पक्ष में एक ताकतवर लॉबी खड़ी है. ऐसे में एडीएम पर कार्रवाई होनी की संभावना न के बराबर है. तभी एडीएम के.के. सिंह की बर्बरता का वीडियो होने के बावजूद पहले तो जांच रिपोर्ट तैयार करने में काफी वक्त लगाया गया फिर उस रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया. बता दें कि हाथों में गोल्फ स्टिक की तरह डंडे को पकड़ कर शिक्षक अभ्यर्थी की बर्बर पिटाई करने वाले एडीएम के.के. सिंह का वीडियो देश भर में चर्चा का विषय बना था. एडीएम की बर्बरता से शिक्षक अभ्यर्थी अनीसुर्रहमान का जबड़ा टूट गया था. तेजस्वी यादव ने मामले की जांच कराने का एलान किया था लेकिन घटना के तुरंत बाद जेडीयू के सबसे पॉवरफुल मंत्री विजय कुमार चौधरी ने शिक्षक अभ्यर्थियों के प्रदर्शन को ही बीजेपी की साजिश करार दिया था.

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