भागलपुर के सृजन घोटाले में सीबीआई कोर्ट ने 4 सरकारी कर्मी समेत 16 लोगों के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया है। सीबीआई आरोपियों के खिलाफ कुर्की-जब्ती की तैयारी कर रही है।

भागलपुर के चर्चित सृजन घोटाले में सीबीआई ने पटना स्थित स्पेशल कोर्ट से करीब डेढ़ दर्जन चार्जशीटेड आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट (अरेस्ट वारंट) हासिल किया है। इनमें 11 बैंकर, 4 सरकारी कर्मी और एक निजी व्यक्ति के नाम शामिल हैं। इन लोगों के खिलाफ सीबीआई ने काफी पहले जमानती वारंट लिया था। उनके खिलाफ कई आरोपियों ने सक्षम न्यायालय में अग्रिम जमानत की अर्जी दाखिल की थी। करीब आठ माह से जमानती वारंट निर्गत होने के बाद भी आरोपियों द्वारा सहयोग नहीं करने पर अब एनबीडब्ल्यू लिया गया है। इसी दौरान एजेंसी ने संबंधित बैंकों से आरोपितों के घर का पूरा पता ले लिया था। 

इश्तेहार और कुर्की वारंट लेने के मूड में सीबीआई

केंद्रीय एजेंसी ने वारंट के तामिला के लिए आरोपियों और उनके संस्थान को फोन से सरेंडर करने के लिए कहा है। सीबीआई ने इन आरोपियों को साफ-साफ कहा है कि 15 दिन में यदि सरेंडर नहीं किया तो इश्तेहार वारंट लेते हुए संपत्ति की कुर्की-जब्ती की जाएगी। सीबीआई के तल्ख तेवर देख कई आरोपियों ने एक सप्ताह के अंदर सरेंडर का वादा किया है। सीबीआई कोर्ट के नए जज ने रिव्यू के बाद तमाम मुकदमे के फरारियों की लिस्ट एजेंसी को थमाई है। साथ ही इनकी उपस्थिति सुनिश्चित कराने को भी कहा है ताकि ट्रायल बाधित न हो। 

बैंकों के जोनल ऑफिस को भेजी वारंट की कॉपी

सूत्रों ने बताया कि हाईकोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट फाइल करने से पहले वारंट की स्थिति का जिक्र जरूरी है। इसलिए एजेंसी ने सीबीआई कोर्ट से तमाम फरारियों पर एनबीडब्ल्यू जारी कराया है। पिछले एक चार दिन से सीबीआई ने संबंधित बैंकों से आरोपियों के घर का पूरा पता भी लिया है। ताकि निर्धारित तारीख पर सरेंडर नहीं करने को लेकर इश्तेहार या कुर्की-जब्ती की कार्रवाई की जा सके। सीबीआई ने आरोपियों के परिजन को भी फोन कर सरेंडर कराने का दबाव बनाया है। बैंकरों के मामले में नियंत्री अधिकारियों को भी वारंट की कॉपी भेजी गई है।

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