नीतीश कुमार सरकार की घोषणा के बाद बिहार में जाति आधारित गणना कराने की कवायद तेज हो गई है। जाति गणना का काम जुलाई महीने में शुरू होने की संभावना है। सभी डीएम को जाति आधारित गणना का जिला स्तरीय नोडल पदाधिकारी बनाया गया है। राज्य सरकार की ओर से सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) को इस पूरी प्रक्रिया की सतत मॉनिटरिंग करने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है।

जाति आधारित गणना को लेकर सामान्य प्रशासन विभाग में एक नया सेक्शन बनाया गया है, जिसकी संख्या 28 है। इस सेक्शन-28 का गठन सिर्फ इसी कार्य का क्रियान्वयन सही तरीके से करने के लिए किया गया है। इसके अलावा विभाग में संयुक्त सचिव रैंक के पदाधिकारी की भी तैनाती की गई है। बिहार प्रशासनिक सेवा के एक पदाधिकारी को जाति गणना प्रक्रिया की सभी जिलों में देखरेख करने के लिए संयुक्त सचिव बनाया गया है। 

सामान्य प्रशासन विभाग में इस नए 28 नंबर सेक्शन के लिए सहायक, कंप्यूटर ऑपरेटर समेत अन्य कर्मियों के करीब आधा दर्जन पद का सृजन किया जा रहा है। इसके बाद राज्य कैबिनेट के स्तर से नये सेक्शन और इसके पूरी तरह से कार्य शुरू करने की मंजूरी ली जायेगी। तब सभी कर्मियों की तैनाती करके यह सेक्शन पूरी तरह से कार्य करने लगेगा। इस आधार पर राज्य में जाति आधारित गणना का कार्य जुलाई के अंतिम सप्ताह या अगस्त आरंभ से शुरू होने की संभावना है। 

ये काम करेगा जीएडी का नया सेक्शन 

जीएडी का यह सेक्शन सभी जिलों में होने वाली गणना कार्य की मॉनिटरिंग करेगा। जिलों से प्राप्त होने वाली शुरुआती डाटा की समीक्षा कर यह देखेगा कि गणना में डाटा का संग्रह सही तरीके से हो रहा है या नहीं। अगर किसी जिले में किसी स्थान को इस कार्य को करने में समस्या आ रही है, तो उसका भी समाधान इसके माध्यम से किया जायेगा।

सरकार को इसी सेक्शन के माध्यम से समय-समय पर गणना की रिपोर्ट भेजी जायेगी। गणना का फील्ड वर्क समाप्त होने के बाद प्राप्त डाटा का जिला स्तर पर समीक्षा होने के बाद यह इसी सेक्शन में आयेगा, जहां राज्य स्तर पर इसकी बारीकी से गहन समीक्षा की जायेगी, ताकि इसमें किसी तरह की त्रुटि नहीं रहे।

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